Study Abroad In these countries is easy get a job along with studies there is no financial problem


Study Abroad: हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाते हैं. इनमें से ज्यादातर छात्र एजुकेशन लोन लेते हैं या स्कॉलरशिप के सहारे पढ़ने जाते है. हालांकि कुछ समय फाइनेंस की प्रॉब्लम आ ही जाती है. ऐसे में आप स्टूडेंट वीजा पर कई देशों में वर्क परमिट के जरिए जॉब भी कर सकते हैं. विदेश में पढ़ाई के दौरान काम करने से, खर्चों को संभाला जा सकता है और व्यावहारिक अनुभव भी मिलता है. यदि आप भी आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते हैं, तो हम आपको ऐसे देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पढ़ाई के साथ जॉब भी की जा सकती है.

 

पहले समझे वर्क परमिट क्या होता है

वर्क परमिट को वर्क वीजा के तौर पर भी जाना जाता है. यह किसी देश की सरकार द्वारा अधिकृत एक दस्तावेज है, जहां कोई छात्र काम करना चाहता है. यह वीजा छात्रों को वहां पर रहने और नौकरी करने की अनुमति देता है. वर्क परमिट के लिए अप्लाई करने से पहले यह जरूर जानें कि क्या वह देश प्रवासी छात्रों को जॉब देता है या नहीं.

 

 

ये तरीके अपनाए जा सकते हैं

विदेश में पढ़ाई के दौरान काम करने के लिए कैंपस के अंदर और बाहर काम के अवसर तलाश जा सकते हैं. कई विश्वविद्यालय, अपने छात्रों के लिए ऑन-कैंपस जॉब के अवसर देते हैं. इनमें लाइब्रेरी असिस्टेंट, कैफ़ेटेरिया में काम करना जैसे विकल्प आदि शामिल हैं. इनपर विचार किया जा सकता है. वहीं, निर्धारित नियमों का पालन करते हुए कैंपस के बाहर भी जॉब के अवसर तलाश जा सकते हैं. इसके अलावा, इंटर्नशिप करके, कमाई के साथ-साथ महत्वपूर्ण कार्य अनुभव भी हासिल किया जा सकता है.

 

अमेरिका

अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई के दौरान हर हफ्ते 20 घंटे और छुट्टियों के समय हर हफ्ते 40 घंटे तक काम कर सकते हैं. कैंपस के बाहर नौकरी करने की इजाजत सिर्फ एफ-1 वीजा होल्डर्स को होती है. वो भी तब जब उन्होंने कम से कम एक एकेडमिक ईयर की पढ़ाई कर ली है. साथ ही, अगर कोई आर्थिक रूप से कमजोर है तो उसे भी काम करने दिया जाता है.

 

कनाडा

कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 20 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की इजाजत होती है. अगर सेमेस्टर ब्रेक है, तो फिर छात्र जितने मर्जी चाहें उतने घंटे काम कर सकते हैं। कैंपस का बाहर या किसी कंपनी में नौकरी की इजाजत सिर्फ उन्हीं छात्रों को है, जिनके पास वैलिट स्टडी परमिट होता है.

 

 

ब्रिटेन

विदेशी छात्र ब्रिटेन में हर हफ्ते 20 घंटे और सेमेस्टर ब्रेक के दौरान अनलिमिटेड घंटे तक काम कर सकते हैं. किसी मान्यता प्राप्त एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में फुल-टाइम डिग्री या उससे ऊपर के कोर्स में पढ़ने वाले छात्रों के पास कैंपस के बाहर काम करने का ऑप्शन होता है.

 

ऑस्ट्रेलिया

विदेशी छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में दो हफ्तों में 48 घंटे और निर्धारित ब्रेक के दौरान असीमित घंटे काम करने की इजाजत होती है. पोस्टग्रेजुएट रिसर्च छात्र अपने मास्टर या डॉक्टरेट डिग्री शुरू करने के बाद अनलिमिटेड घंटे काम कर सकते हैं.

 

जर्मनी

भारतीय छात्रों के बीच जर्मनी तेजी से पॉपुलर हो रहा है. यहां छात्रों को हर हफ्ते 20 घंटे काम करने की इजाजत होती है. सेमेस्टर ब्रेक के दौरान छात्र 40 घंटे काम कर सकते हैं. छात्रों को आम तौर पर हर साल 120 दिन या 240 हाफ डे काम करने की अनुमति दी जाती है.

 

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