Success Story: किसान का बेटा कर रहा करोड़ों का कारोबार, लगाई दवाइयों की फैक्ट्री


अंबाला: कहते हैं कि मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है, और इसका जीता-जागता उदाहरण हैं अंबाला के गुरुदेव दत्त छिब्बर. एक छोटे से किसान परिवार में जन्मे जीडी छिब्बर ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने जीवन में बड़ा मुकाम हासिल किया है. आज वह न केवल करोड़ों के दवाइयों के कारोबार का मालिक हैं, बल्कि हरियाणा के सबसे बड़े टैक्सपेयर में से एक हैं. उनकी सफलता की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है जो अपनी मेहनत के दम पर अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं.

कठिनाइयों से भरी थी शुरुआती जिंदगी
गुरुदेव दत्त छिब्बर का जन्म अंबाला के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनका परिवार एक साधारण किसान परिवार था, और सीमित आर्थिक संसाधनों के कारण उनकी शिक्षा भी काफी संघर्षपूर्ण रही. गांव में अपने परिवार का सहयोग करने के साथ-साथ उन्हें पढ़ाई का भी बेहद शौक था. हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण उन्हें पढ़ाई में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी लगन इतनी मजबूत थी कि उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा तीन बार पास की. 18 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने खुद के पैरों पर खड़े होने का फैसला कर लिया और छोटे-मोटे काम करके पैसे कमाना शुरू किया.

छोटे से स्टार्टअप से किया करोड़ों का कारोबार
लगभग 30 साल पहले जीडी छिब्बर ने एक छोटे से स्टार्टअप के साथ अपनी कारोबारी यात्रा की शुरुआत की. शुरुआती दिनों में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी मेहनत और कड़ी लगन के बलबूते पर, उन्होंने धीरे-धीरे अपनी कंपनी को स्थापित किया. शुरुआती दिनों में वे अपनी दवाइयों का प्रचार करने के लिए पूरे देश में घूम-घूम कर लोगों तक अपनी कंपनी की पहचान बना रहे थे. उनका मानना था कि गुणवत्ता और मेहनत से ही कोई भी व्यापारिक सफलता प्राप्त की जा सकती है, और इस सिद्धांत पर चलते हुए उन्होंने अपनी कंपनी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया.

कोविड-19 में दी अहम भूमिका
कोविड-19 महामारी के दौरान, जब दुनिया को टीकों की सख्त आवश्यकता थी, जीडी छिब्बर की कंपनी भारत की उन कुछ कंपनियों में से एक थी, जिन्हें कोविड वैक्सीन की सप्लाई के लिए सरकार से मंजूरी मिली थी. उनके इस प्रयास ने न केवल हजारों लोगों की जान बचाई, बल्कि उनकी कंपनी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ी पहचान दिलाई. छिब्बर के अनुसार, यह उनके लिए न केवल एक व्यापारिक अवसर था, बल्कि मानवता की सेवा करने का एक सुनहरा मौका भी था.

हजारों लोगों को दे रहे हैं रोजगार
आज जीडी छिब्बर की कंपनी में हजारों लोग काम करते हैं और उनकी फैक्ट्री में हर दिन लाखों की संख्या में दवाइयां तैयार की जाती हैं. उनकी कंपनी का मुख्य फोकस गुणवत्ता और नवाचार पर रहता है, जिससे उनकी दवाइयों की मांग न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी है.

युवाओं को दी नसीहत
गुरुदेव दत्त छिब्बर का मानना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. उन्होंने अपनी कहानी बताते हुए युवाओं को संदेश दिया कि मेहनत और ईमानदारी ही व्यापार में सफलता का असली मंत्र है. उन्होंने कहा, “छोटे से लालच में आकर किसी को धोखा देने की बजाय, ईमानदारी और समर्पण से काम करना चाहिए. थोड़ी सी मेहनत आपको आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है.”

Tags: Ambala news, Local18, Success Story



Source link

x