sultanpur satyanath math 5000 year old aghori temple SA


सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में स्थित सत्यनाथ मठ सनातन धर्म के नौ नाथों में से एक है. यहां हर साल हजारों की संख्या में लोग आते हैं. स्थानीय सेवादारों के अनुसार यह धाम अत्यंत महत्वपूर्ण है और सनातन धर्म की शाखाओं को संजोए हुए है. विशेषतः यह धाम अघोरियों के पूजापाठ के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि यहां लोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह मठ 5000 वर्ष से अधिक पुराना है.

मठ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर
कादीपुर स्थित सत्यनाथ मठ में विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर छिपी हुई हैं. वैसे तो सुल्तानपुर जिला अपनी आध्यात्मिक, राजनैतिक और साहित्यिक खूबियों के कारण देश में अलग पहचान रखता है, लेकिन सत्यनाथ मठ इस जिले की अध्यात्मिक माला को और अधिक बढ़ाने का कार्य कर रहा है. यह मठ अघोरपंथियों का करीब पांच हजार साल पुराना तीर्थस्थल है, जहां गुरु पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

बाबा सत्यनाथ का इतिहास
अघोर परम्परा में साधना की 5 धाराएं हादि, कादि, ओमादी, वागादि और प्रणवादि हैं, जिन्हें अघोर साधक अपने स्तर से साधनाएं करते हैं. ऐसा माना जाता है कि कादीपुर नामक स्थान भी बाबा सत्यनाथ ने ही बसाया था. बाबा सत्यनाथ कादिधारा के प्रवर्तक थे. वर्तमान में शिवलिंग और अर्घा के रूप में मौजूद कादिधारा यन्त्र इस बात का प्रमाण है कि बाबा सत्यनाथ द्वारा बसाये गए गांव अथवा नगर को कादीपुर कहा गया.

बीकानेर का अनोखा काली माता मंदिर, जहां एक साथ विराजमान हैं मां के नौ रूप

खंडहर किले की दीवारें
इस मठ के प्रमाण का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां मौजूद किला और किले की दीवारें आज भी दिखाई देती हैं, जो खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं. 90 अंश के कोण पर मुड़ी गोमती नदी के किनारे इस मठ के इर्द-गिर्द बड़े-बड़े टीले मौजूद हैं, जो शांत वातावरण तैयार कर साधना क्रम में ऊर्जा प्रदान करते हैं. पर्यटन की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण स्थल है. हरिश्चंद्र घाट, बनारस के श्मशान पीठ के पीठाधीश्वर अवधूत उग्र चंडेश्वर कपाली बाबा वीरान पड़े इस शैव साधना स्थल के गौरव को पुनः वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं. लोकल 18 से बात करते हुए चंडेश्वर कपाली बाबा ने कहा कि यह स्थान अघोर परम्परा के नव नाथों में प्रथम नाथ ब्रह्मा के अवतार बाबा सत्यनाथ की साधना अथवा समाधि स्थल है.

Tags: Local18, Special Project, Sultanpur news, Uttar pradesh news



Source link

x