Supreme Court Again Warns The Central Government Regarding The Appointment Of High Court Judges – हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फिर चेताया
नई दिल्ली :
हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फिर चेताया है. कोर्ट ने कहा है कि हमें दिवाली से पहले कुछ और प्रगति दें ताकि इसे बेहतर तरीके से मनाया जा सके. सुप्रीम कोर्ट अब नियुक्तियों की गति से संतुष्ट है. कॉलेजियम की सिफारिशों को दोहराने के बावजूद सरकार का बैठा रहना अभी भी चिंता का विषय है. ज्यादातर नियुक्तियां हो चुकी हैं लेकिन थोड़े और प्रयास की जरूरत है. अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी.
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सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, हमें जो अधिक कठिन लगता है वह यह है कि दोहराई गई सिफारिशें अभी भी लंबित हैं. अधिकांश नियुक्तियां हो चुकी हैं लेकिन थोड़े और प्रयास की आवश्यकता है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण पर निर्णय लेने के लिए कोर्ट से दो सप्ताह की मोहलत मांगी है. कॉलेजियम की चिट्ठी में दोहराए गए पांच नाम, जजशिप के लिए अनुशंसित पांच नए नाम और हाई कोर्ट्स में 11 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिशें केंद्र के समक्ष लंबित हैं.
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि मान लीजिए कि चार नाम हैं, आप तीन को सूचित करते हैं और एक को रोकते हैं. हमारा विचार यह है कि ऐसा नहीं होना चाहिए. हालांकि इसे कुछ लोगों ने स्वीकार कर लिया है और कुछ हताश होकर पीछे हट गए हैं. इस चक्कर में हमने कई अच्छे नाम खो दिए हैं. उनमें से कुछ में तो मुझे नहीं लगता कि सरकार के लिए ऐसे कोई गंभीर मुद्दे हैं जिन पर विचार नहीं करना चाहिए था. लेकिन जब आप किसी को नियुक्त करते हैं और किसी की नहीं, या बाद में तो वरिष्ठता की पूरी अवधारणा गड़बड़ा जाती है.
अदालत ने कॉलेजियम प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए 2021 में अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करने के लिए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की.
जस्टिस कौल ने कहा कि युवा वकीलों से मुझे शिकायत यह है कि उन्हें जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए. मैं इस बात की भी सराहना करता हूं कि पिछले महीने में कुछ हलचल हुई है. हाल ही में मंजूरी दिए गए कुछ नामों पर कुछ ही हफ्तों के भीतर नियुक्ति की गई है. यह एक सकारात्मक विकास है. मुझे पता है कि दिल्ली में उन्होंने सूचित किया था. सरकार ने दो सप्ताह पहले ही मंजूरी दे दी थी. मौजूदा प्रक्रिया अच्छी चल रही है लेकिन हमें अटकी हुई बातों को सुलझाना है.