Supreme Court Said On Investigation Agencys Plea Against Arvind Kejriwals Bail – ये उनकी धारणा…: पढ़ें केजरीवाल की जमानत के खिलाफ ED की याचिका पर SC ने क्या-क्या कहा


0bfiir3o arvind Supreme Court Said On Investigation Agencys Plea Against Arvind Kejriwals Bail - ये उनकी धारणा...: पढ़ें केजरीवाल की जमानत के खिलाफ ED की याचिका पर SC ने क्या-क्या कहा

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर चल रहे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि इस फैसले की आलोचना का स्वागत है. दरअसल ईडी ने अदालत के सामने केजरीवाल के बयानों का मुद्दा उठाया था. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केजरीवाल के बयानों पर कार्रवाई से इनकार करते हुए कहा कि हमारा आदेश स्पष्ट है कि केजरीवाल को कब सरेंडर करना है, इसके लिए हमने तारीखें तय की हैं. ईडी की तरफ से अरविंद केजरीवाल के बयान को आधार बनाकर याचिका दायर की गयी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि आप AAP को वोट देंगे तो मुझे वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा. ई़डी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने  जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है. 

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ED ने केजरीवाल के खिलाफ उठाए कई सवाल

जेल से बाहर आने के बाद दिए जा रहे केजरीवाल के बयानों पर ED ने आपत्ति जताई है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान केजरीवाल कह रहे हैं कि अगर आप AAP को जिताते हैं, उनको 2 जून को वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा, यह तो सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि यह न्यायपालिका के चेहरे पर तमाचा है. वहीं  केजरीवाल की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तुषार मेहता की दलीलों का विरोध किया. 

ED ने कहा कि इस मामले में इससे पहले कभी भी रिमांड को चुनौती अरविंद केजरीवाल ने नहीं दी थी. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उन्होंने मेंशन जरूर किया था. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जब केजरीवाल गिरफ्तार नहीं हुई थे, तब उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने हमसे दस्तावेज मांगे थे. उसको देखने के बाद अदालत ने राहत नहीं दी थी. हम इस मामले में मिनी ट्रायल का विरोध करते है. जस्टिस खन्ना ने तुषार मेहता की बात का जवाब देते हुए कहा कि ऐसे मामले हैं. एक पीठ ने नोटिस जारी किया है कि अनुच्छेद 32 की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, ऐसी याचिकाओं पर विचार किया गया है. गिरफ्तारियों को बुरा माना गया है, क्या यह सही नहीं है?

मनी लॉन्ड्रिंग दुनिया भर के देशों के लिए चुनौती: तुषार मेहता

तुषार मेहता ने कहा कि कहा गया है कि PMLA के तहत बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां होती हैं. हमने विजय मंदनलाल फैसले के बाद के आंकड़े दिए हैं. ये फैसला 2022 में था और तब से कुल गिरफ्तारियां 313 थीं. यह अधिनियम 2002 में लाया गया था. अदालत में सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हम एक स्टैंडअलोन देश नहीं हैं, जहां मनी लॉन्ड्रिंग होती है. ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हैं जिनमें कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक वैश्विक अपराध है. हमारा कानून FATF के अनुरूप है. हर 5 साल में एक  समीक्षा होती है और यह देखा जाता है कि हमारा विधायी ढांचा क्या है और इसे कैसे लागू किया जाए. अंतर्राष्ट्रीय उधार के लिए हमारी साख पात्रता भी इसी पर निर्भर है.

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