Surgical Strike Meaning And Indian Army Operation Pakistan And Myanmar How Many Times Military Operations Have Happened


Surgical Strike: सेना की सर्जिकल स्ट्राइक एक बार फिर चर्चा में है. एक दिन पहले कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी खबरें तैरने लगीं, जिनमें कहा जा रहा था कि भारतीय सेना ने एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक की है, जिसमें कई आतंकी मारे गए हैं. हालांकि सेना की तरफ से इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया और बताया गया कि घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया गया था. अब कई लोगों के दिमाग में ये सवाल आज भी है कि आखिर सर्जिकल स्ट्राइक होती क्या है और भारतीय सेना ने कितनी बार इसे अंजाम दिया है. आइए हम आपको बताते हैं. 

क्या होती है सर्जिकल स्ट्राइक?
दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक के लिए दुश्मन के किसी एक या फिर दो नजदीकी ठिकानों की पहचान की जाती है. आमतौर पर टारगेट आतंकी कैंप या ठिकाने होते हैं. इसकी तैयारी काफी पहले से शुरू हो जाती है, जिसमें दुश्मनों की संख्या, उनकी ताकत और सटीक लोकेशन का पता लगाया जाता है. दुश्मन की सटीक लोकेशन मिलने के बाद एक खास सैन्य ऑपरेशन शुरू किया जाता है, जिसे सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं. 

सर्जिकल स्ट्राइक में कमांडो या सेना के जवान चुपके से दुश्मन के इलाके तक पहुंचते हैं और अचानक एंबुश होता है, ये हमला इतना घातक होता है कि दुश्मन को संभलने तक का मौका नहीं मिलता. सर्जिकल स्ट्राइक में टारगेट इतना सटीक चुना जाता है कि इससे आम लोगों को नुकसान नहीं होता है. सर्जिकल स्ट्राइक पानी, जमीन और हवा के रास्ते से की जा सकती है. हवा से किए जाने वाले ऐसे हमलों को एयर स्ट्राइक भी कहा जाता है. 

अब तक कितनी सर्जिकल स्ट्राइक
भारतीय सेना की तरफ से इस तरह के हमले या स्ट्राइक पहले भी कई हुई, लेकिन 2016 में हुए उरी हमले के 10 दिन बाद जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बदला लिया तो इसकी खूब चर्चा हुई. इसमें सेना ने रात के अंधेरे में कई आतंकी कैंप तबाह कर दिए थे. इसके बाद से ही सर्जिकल स्ट्राइक शब्द हर किसी की जुबान पर चढ़ गया. 

पहली बार 1998 में भारतीय सेना के सीमा पार कर दुश्मनों को खत्म करने की बात सामने आई थी. इसके बाद 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान एलओसी पार करके पाकिस्तान की चौकी को उड़ाया गया था, साल 2000, 2003, 2008 और 2013 में भी ऐसे ही ऑपरेशन की जानकारी सामने आई थी. हालांकि सेना की तरफ से इन्हें लेकर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई. इसके बाद 2015 में म्यांमार की सीमा में घुसकर भारतीय सेना ने एक उग्रवादी संगठन को पूरी तरह से तबाह कर दिया था. 



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