Swami Vivekananda Gate Almora: अल्मोड़ा दाखिल होते ही दिखेंगे स्वामी विवेकानंद, लग रहीं सभी धर्मों से जुड़ी मूर्तियां



HYP 4866978 cropped 21122024 131742 img20241220161502 watermar 2 Swami Vivekananda Gate Almora: अल्मोड़ा दाखिल होते ही दिखेंगे स्वामी विवेकानंद, लग रहीं सभी धर्मों से जुड़ी मूर्तियां

अल्मोड़ा. उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा से स्वामी विवेकानंद का गहरा नाता रहा है. वह तीन बार अल्मोड़ा आए थे. स्वामी विवेकानंद सबसे पहले साल 1890 में यहां आए थे. इसके बाद वह 1897 और फिर 1898 में अल्मोड़ा आए थे. उनसे जुड़ी कई यादें आज भी यहां पर देखने को मिलती हैं. इसको देखते हुए अल्मोड़ा के कर्बला के पास स्वामी विवेकानंद का द्वार बनाया जा रहा है. यहां पर स्वामी जी की मूर्ति के साथ-साथ अन्य धर्मों से जुड़ी मूर्तियां भी देखने को मिलेंगी. निर्माण कार्य लगभग लगभग पूरा होता हुआ नजर आ रहा है. स्वामी विवेकानंद को घोड़े पर बैठे हुए दिखाया गया है.

रामकृष्ण कुटीर के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानन्द महाराज ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि स्वामी विवेकानंद का अल्मोड़ा से काफी गहरा संबंध रहा था और उन्हें अल्मोड़ा से काफी प्रेम भी था. अल्मोड़ा वैसे भी पुण्यभूमि है, जिस वजह से स्वामी जी का लगाव यहां से ज्यादा था. जब स्वामी जी अमेरिका से अल्मोड़ा आए थे, तो लोधिया से रघुनाथ मंदिर तक उनका भव्य स्वागत किया गया था. उन्होंने कहा कि उस दौरान स्वामी विवेकानंद को घोड़े पर बिठाकर भी लाया गया था. उसी को देखते हुए विवेकानंद द्वार पर स्वामी जी को घोड़े पर बैठै हुए दिखाया गया है. स्वामी जी के साथ-साथ अन्य धर्मों से जुड़ी मूर्तियां भी लगाई जा रही हैं.

60 लाख की लागत से बन रहा विवेकानंद द्वार
ध्रुवेशानन्द महाराज ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद का ऐसा द्वार आज तक कहीं नहीं बना है, चाहें उत्तराखंड के अन्य जिले हों या फिर अन्य राज्य, ऐसा द्वार आज तक नहीं बनाया गया है. विवेकानंद द्वार को बनाने में करीब 60 लाख रुपये की लागत आ रही है. यह द्वार सांस्कृतिक नगरी की खूबसूरती में भी चार चांद लगाएगा. बताते चलें कि नैनीताल जिले के हल्द्वानी में जेलरोड चौराहे पर स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा लगाई गई है. नगर निगम द्वारा इस मूर्ति को लगाया गया है.

FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 21:04 IST



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