Swedish Woman With Bionic Hand Got Sense Of Touch And Living Normal Life
लंबे समय से वैज्ञानिक कृत्रिम अंगों के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उनका मकसद ऐसे लोगों को सशक्त बनाना है जिन्होंने अपने शरीर के अंगों को खो दिया है. हाल ही में, कृत्रिम टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है, जो इस तकनीक की सफलता को साबित करती है. इस केस में महिला की नर्व्स के साथ बायोनिक हाथों को लगाया गया, जो कई सालों बाद भी बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है. यह कोहनी के नीचे के विच्छेदन वाले रोगी में बायोनिक हाथ लगाए जाने का पहला सफल मामला माना जा रहा है.
बायोनिक्स इंस्टीट्यूट के अनुसार, स्वीडिश महिला कैरिन, जिसने खेती-किसानी करते हुए दुर्घटना का शिकार होकर अपना दाहिना हाथ खो दिया था, को दिसंबर 2018 में उसकी शेष हड्डी, तंत्रिकाओं और मांसपेशियों में मानव-मशीन इंटरफ़ेस इंप्लांट किया गया. बचे हुए अंग को बायोनिक हाथ के साथ बेहतर ढंग से इंटीग्रेट करने के सर्जरी का सहारा लिया गया. इस प्रोसेस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया गया है, ताकि महिला का हाथ उनके आदेश को समझ सके.
इस शोध का नेतृत्व ऑस्ट्रेलिया में बायोनिक्स इंस्टीट्यूट में न्यूरल प्रोस्थेटिक रिसर्च के प्रमुख और स्वीडन में सेंटर फॉर बायोनिक्स एंड पेन रिसर्च (सीबीपीआर) के संस्थापक प्रोफेसर मैक्स ऑर्टिज़ कैटलन ने किया था. यह अध्ययन साइंस रोबोटिक्स जर्नल में हाल में प्रकाशित हुआ और इसमें स्वीडन, इटली और ऑस्ट्रेलिया के रिसर्चर्स शामिल थे.
कैरिन का जीवन बायोनिक तकनीक की वजह से बदल दिया गया है. 20 साल पहले, खेती में हुई एक दुर्घटना में उनका दाहिना हाथ नष्ट हो गया, लेकिन अब, एक बायोनिक हाथ जो उनकी कोहनी के नीचे जुड़ गया है, उन्हें दर्द से मुक्त एक सामान्य जीवन जीने में मदद कर रहा है. इन एडवांस बायोनिक हाथ के साथ, कैरिन अपना 80 प्रतिशत तक काम सामान्य हाथों की तरह करती है. खाना बनाने से लेकर, चीजों को छू कर महसूस करने जैसे सभी का को वह आसानी से कर लेती है.