tear gas shells know why it disperses the crowd


 

किसान आंदोलन लगातार जारी है. किसानों के दिल्ली कूच की घोषणा के बाद सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है. हालांकि मंगलवार को किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि किसानों ने दिल्ली चलो मार्च को दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति तय की जाएगी. लेकिन इन सबके बीच सुरक्षाबल लगातार आंदोलन में शामिल किसानों को राजधानी दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आंसू गैस क्या होता है, जिससे भीड़ तितर-बितर हो जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि आंसू गैस में कौन सा केमिकल होता है. 

क्या होता है आंसू गैस का गोला?

बता दें कि आंसू गैस के गोले एक ऐसा बम होता है, जिससे धुआं निकलता है. यह धुआं इतना खतरनाक होता है कि कोई भी शख्स इस धुंए के आस-पास नहीं खड़ा हो सकता है. इतना ही नहीं इसका असर जिस भी व्यक्ति की आंखों पर सीधा होता है, उसकी आंखों में जलन होने लगता है. इसके साथ ही व्यक्ति को भयानक रूप से खांसी भी होने लगती है. वहीं कई बार तो इसकी चपेट में आने से व्यक्ति को उल्टी और मिचली जैसे समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. 

कैसे बनता है ये बम ?

आंसू गैस के गोलों को कई कैमिकल के मिश्रण से बनाया जाता है. इसे लेक्रिमेटर भी कहते हैं.  बता दें कि इसके निर्माण की अनुमति सबको नहीं होती है, इसके लिए केंद्र सरकार चुनिंदा लोगों को ही लाइसेंस देती है. इसके अलावा आंसू गैस बनाने के लिए Chloroacetophenone (CN) और Chlorobenzylidenemalononitrile (CS)का इस्तेमाल किया जाता है. इनके अलावा क्लोरोपिक्रिन (पीएस) का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसका इस्तेमाल फ्यूमिगेंट के रूप में भी किया जाता है. Bromobenzylcyanide (सीए); Dibenzoxazepine (सीआर) नामक कैमिकल से इसका उत्पादन किया जाता है. इन केमिकल की वजह ही कोई आम इंसान इस धुंआ को बर्दाश्त नहीं कर सकता है, इससे दूर जाना ही पड़ता है. 

कौन कर सकता है इस्तेमाल

आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल हमेशा सुरक्षाकर्मी ही कर सकते हैं. लेकिन बिना वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के इसका इस्तेमाल कोई सुरक्षाकर्मी नहीं कर सकता है. हालांकि कुछ स्थितियों में सुरक्षाकर्मी बिना किसी आदेश के भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि वहां पर मौजूद कोई ना कोई अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेता ही है. आसान शब्दों में आंसू गैस का इस्तेमाल कोई भी सुरक्षाकर्मी आपात स्थिति में कर सकता है.   

 

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