Tesla CEO Elon Musk To Visit India For Meeting With PM Modi Likely To Invest 2 To 3 Billion Dollar Says Report – Tesla भारत में करेगी $200-300 करोड़ का निवेश, Elon Musk अगले हफ्ते PM मोदी से करेंगे मुलाकात
रॉयटर्स के मुताबिक एलन मस्क जब अगले हफ्ते भारत आएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात करेंगे, तो भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए 200-300 करोड़ डॉलर निवेश की योजना का ऐलान कर सकते हैं.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है और तेजी के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपना रहा है, इसी का फायदा एलन मस्क भी उठाना चाहते हैं. सोमवार को जब मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे, तो उम्मीद की जा रही है कि उस दौरान वो अपनी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे.
रॉयटर्स के दो सूत्रों ने जानकारी दी कि इस मुलाकात के दौरान एलन मस्क ये बता सकते हैं वो भारत में कितना निवेश करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन ये नहीं बताया कि ये निवेश कब किया जाएगा और भारत के किस राज्य में प्लांट को लगाया जाएगा. रॉयटर्स की ओर से टेस्ला से इस बारे में सवाल पूछा गया है, लेकिन इसका जवाब नहीं मिला है.
नई EV पॉलिसी से खुला टेस्ला का रास्ता
भारत में कई ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक कारें, टू-व्हीलर्स बना रही हैं, इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट भारत में अब भी शुरुआती दौर में है. टाटा मोटर्स, महिंद्रा और ह्युंडई जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण कर रही हैं, लेकिन कुल कारों के मुकाबले इनका मार्केट सिर्फ 2% ही है, ऐसे में भारत में इलेक्ट्रिक कारों के लिए भविष्य में बड़ी संभावनाएं हैं. सरकार ने भी साल 2030 तक लक्ष्य रखा है कि जो भी नई कारें भारत में बनेंगी उसमें से 30% इलेक्ट्रिक होंगी.
दरअसल, एलन मस्क का भारत आना कोई इत्तेफाक नहीं है, एलन मस्क लंबे समय से भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारें लेकर आना चाहते थे, लेकिन जिन पॉलिसी में कड़ी शर्तों की वजह से ऐसा मुमकिन नहीं हो पा रहा था. इसी साल मार्च में सरकार ने नई EV पॉलिसी का ऐलान किया, इससे टेस्ला जैसी विदेशी इलेक्ट्रिक कार मेकर्स के लिए भारत आने का रास्ता खुल गया.
नई EV पॉलिसी में क्या है?
नई EV पॉलिसी में सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों के लिए, जो कि भारत में आकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाना चाहती हैं, कुछ नियम शर्तें तय की है और कुछ शर्तों में रियायत दी है. अब जो भी कंपनी भारत में आकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाना चाहती है, उसे 4,150 करोड़ रुपये का न्यूनतम निवेश करना होगा, अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं रखी गई है. साथ ही ऑटो कंपनियों को 3 साल के भीतर प्लांट लगाकर इलेक्ट्रिक व्हीकल का उत्पादन शुरू करना होगा.
कंपनियों को 5 साल के अंदर डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) को 50% तक पहुंचाना होगा, यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में लोकल सोर्सिंग को बढ़ाना होगा. तीसरे साल में लोकल सोर्सिंग को 25% और 5 साल में 50% करना होगा.
टेस्ला भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारें बेचना चाहती है, लेकिन बात पॉलिसी को लेकर अटकी हुई है. उम्मीद की जा रही है कि इस नई पॉलिसी से टेस्ला के लिए भारत आकर प्लांट लगाना अब आसान होगा.
क्योंकि सरकार अपनी पॉलिसी में बदलाव करते हुए 35,000 डॉलर CIF (कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्रेट) वैल्यू वाली CKD (Completely Knockdown) यूनिट, मोटे तौर पर समझें कि पूरी बनी बनाई कार, जिसे इंपोर्ट करने पर 15% की कस्टम ड्यूटी देनी होगी, जो कि पहले 100% थी. यानी टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों को लाकर बेचने का रास्ता खुलेगा.
टेस्ला ने शोरूम की खोज शुरू की
रॉयटर्स के मुताबिक, टेस्ला ने पहले ही नई दिल्ली और मुंबई में शोरूम के लिए जगह तलाशना शुरू कर दिया है, और इसकी बर्लिन फैक्ट्री राइट-हैंड ड्राइव कारों का उत्पादन कर रही है, जिसका लक्ष्य इस साल के अंत में भारत में निर्यात करना है. इतना ही नहीं, दो सूत्रों ने रॉयटर्स से कहा कि मस्क के नई दिल्ली में भारत सरकार की ओर से अंतरिक्ष स्टार्टअप के साथ आयोजित एक कार्यक्रम में भी भाग लेने की संभावना है. मस्क अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स के मालिक भी हैं.
एलन की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब टेस्ला USA और चीन के बड़े बाजारों में बिक्री गिरने की चुनौतियों से जूझ रही है. कंपनी ने अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए लगातार गाड़ियों के दाम भी घटाए हैं, लेकिन मुश्किलें कम नहीं हुईं. इस वजह से इसी हफ्ते टेस्ला ने कंपनी में छंटनी करने का ऐलान भी किया है, जिसमें 10% लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा