The cultivation of this crop is like getting mangoes and seeds for the same price – News18 हिंदी


रामकुमार नायक, रायपुरः- छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं. वैसे तो धान की खेती कर किसान मुनाफा कमाते ही हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी फसल के बारे में बताने वाले हैं, जिसकी खेती कर किसान मालामाल हो सकते हैं. खस की खेती छत्तीसगढ़ के किसान आसानी से कर सकते हैं. आजकल कई किसान और पढ़े-लिखे युवा भी औषधीय पौधे और फलों की खेती कर रहे हैं, जिनकी मांग और उपयोग भी अधिक है. यदि आप भी ऐसी ही खेती करना चाहते हैं, तो खस की खेती आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकती है. सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश-विदेश में खस की जबरदस्त डिमांड है.

जड़ों से प्राप्त होता है सुगंधित तेल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पीके जोशी ने लोकल18 को बताया कि खस एक ऐसी फसल है, जिसकी जड़ों का उपयोग होता है. जड़ों से सुगंधित तेल प्राप्त होता है. खस की फसल तैयार होने में 18 महीने का समय लगता है. रेतीली जमीन में खस की खेती अच्छे तरीके से की जाती है. काली मिट्टी में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए. खस के जड़ों से प्राप्त होने वाले सुगंधित तेल की काफी डिमांड है. खस की खेती कर हर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है.

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18 महीने की फसल
डॉ. पीके जोशी ने Local18 को आगे बताया कि खस 18 महीने की फसल है. ऐसे में किसान को मानसिक रूप से तैयार होना बेहद आवश्यक है. 18 महीने का समय बहुत होता है और मानसिक रूप से तैयार किसान इसकी खेती कर सकते हैं. खस की खेती में प्रति एकड़ की फसल से लगभग 15 किलो सुगंधित तेल प्राप्त होता है. तेल निकालने के बाद जड़ों का उपयोग कूलर के खस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. बाजार में कूलर की खस की भी अच्छी कीमत मिल जाती है. खस की तेल का बहुत मांग है. यह प्रति किलो लगभग 15 हजार रुपए में बिकती है. किसान प्रति एकड़ लगभग दो से ढाई लाख रुपए खस की खेती से कमा सकते हैं.

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