The gas cylinder which is of 1696 in Delhi is of 1809 in Chennai know price break and details
LPG Price: देश में आज फिर घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में कटौती की गई है. हालांकि इस बार भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर के दाम वही रखे हैं, जबकि कॉमर्शिल गैस सिलेंडर के दाम बदलाव किया गया है. अब ताजा बदलाव के बाद दिल्ली में गैस सिलेंडर 30 रुपये सस्ता हो गया है. लिहाजा अब इसके दाम 1676 रुपये से घटकर 1646 रुपये हो गया है. वहीं कोलकाता में ये दाम 1787 की जगह 1756 रुपये तक में मिलेगा.
इसके अलावा चेन्नई में कॉमर्शियल सिलेंडर आज से 1840.50 रुपये की जगह 1809.50 रुपये में मिलेगा वहीं मुंबई की बात करें तो इसका दाम 1598 रुपये हो गया है, जो पहले पहले 1629 रुपये का मिल रहा था. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर पूरे देश में गैस सिलेंडर के दाम आखिर अलग-अलग क्यों है? और अलग-अलग जगहों पर इतना अंतर क्यों है? चलिए जानते हैं.
अलग-अलग क्यों होते हैं दाम?
अलग–अलग राज्यों में गैस सिलेंडर के अलग–अलग दाम होने की वजह हर राज्य में कमीशन और इस्टेब्लिशमेंट चार्ज अलग अलग होना हैं और ये सभी चार्ज उस राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं. अमूमन इस्टाब्लिशमेंट चार्ज तय करने का तरीका तो एक ही होता है, लेकिन इसमें ट्रांसपोर्ट चार्ज भी शामिल होते हैं. ये चार्ज अलग–अलग होने से चार्ज बदलते रहते हैं. इन सभी की कीमत हर जगह अलग–अलग होती है. यही वजह है कि देश में सिलेंडर के भाव हर जगह अलग अलग होते हैं.
कैसे तय होती है सिलेंडर की कीमत?
अब सवाल ये भी उठता है कि किसी भी सिलेंडर की कीमत कैसे तय होती है? बता दें कि भारत में एलपीजी सिलेंडर के दाम तय करने में दो फैक्टर मुख्य भूमिका निभाते हैं. पहला, डॉलर के मुकाबले रुपये का एक्सचेंज रेट और दूसरा, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क रेट. अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी के दाम बढ़ने और रुपये के कमजोर होने पर घरेलू बाजार में एलपीजी के दाम बढ़ जाते हैं. हालांकि फिलहाल गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफा होने में दोनों ही फैक्टर जिम्मेदार हैं.
कितना लगता है टैक्स?
जैसा कि सोशल मीडिया पर अक्सर ये खबर वायरल होती है कि गैस सिलेंडर पर टैक्स ज्यादा होने से दामों में बदलाव होता है तो बता दें कि ये जानकारी गलत है. बता दें कि गैस सिलेंडर पर भी जीएसटी लागू होता है. ऐसे में रसोई गैस पर 5 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है. जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार में बराबर बंटता है.
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