The Minor Who Killed 2 People Without Registration Porsche Car In Pune May Be Sentenced To 10 Years In Jail, Know How – बस निबंध से माफी नहीं? पोर्शे से 2 को रौंदने वाले बिल्डर के 17 साल के बेटे को ही सकती है 10 साल की जेल



o9pv5kdk pune porsche The Minor Who Killed 2 People Without Registration Porsche Car In Pune May Be Sentenced To 10 Years In Jail, Know How - बस निबंध से माफी नहीं? पोर्शे से 2 को रौंदने वाले बिल्डर के 17 साल के बेटे को ही सकती है 10 साल की जेल

जुवेनाइल कोर्ट ने भले ही आरोपी को जमानत दे दी हो, लेकिन पुणे पुलिस ने नाबालिग को एडल्ट की तरह ट्रीट किए जाने को लेकर सोमवार को ही सेशन कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी. पहले निचली अदालत में पुलिस ने अर्जी दाखिल की थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़नवीस के निर्देश के बाद, पुणे पुलिस ने नाबालिग पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाए जाने की मांग के साथ सोमवार को सेशन कोर्ट का रुख किया.  

जुवेनाइल कोर्ट से जमानत, अब सेशन कोर्ट से सजा की मांग

पुलिस के मुताबिक कार चला रहे 17 साल के नाबालिग आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे पहले हिरासत में लिया गया था. फिर उसे  जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे अदालत ने जमानत दे दी. लेकिन पुलिस आरोपी के लिए सख्त सजा की मांग कर रही है. जानकारी के मुताबिक लड़का बिना रजिस्ट्रेशन वाली पोर्शे कार को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चला रहा था. 

अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग का बिल्डर पिता यरवदा पुलिस स्टेशन नहीं गया, जहां उसके बेटे को हिरासत में लिया गया था. वह पुणे अपराध शाखा के कार्यालय में भी नहीं गया, यहां पर लड़के को इलेक्ट्रिक लक्जरी स्पोर्ट्स सेडान चलाने की परमिशन देने के मामले की जांच चल रही है. बता दें कि जुबेनाइल कोर्ट ने नाबालिग पर एक एडल्ट की तरह मुकदमा चलाने की पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके साथ ही आरटीओ में लड़के के खिलाफ रिपोर्ट करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की थी.

आरोपी को इन शर्तों के साथ मिली जमानत

जुबेनाइल कोर्ट ने आरोपी को ‘सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान’ पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, 15 दिनों तक यातायात पुलिस के साथ काम करने, नशा मुक्ति केंद्र जाकर शराब के नशे को छोड़ने, ट्रैफिक नियमों की जानकारी लेकर उसे फिर से जुवेनाइल कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश वाली शर्तों के साथ जमानत दे दी थी.  

पुलिस ने दूसरी एफआईआर दर्ज की, जिसमें कहा गया है,” नाबालिग ने पुलिस को बताया कि उसके पिता ने उसे चलाने के लिए कार दी थी. उसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है. वह पोर्शे कार चलाने के लिए ट्रेंड नहीं है. बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के उसे पार्टी करने की परमिशन दी गई. जब कि पिता को पता था कि वह शराब भी पीता है.” पुलिस की दूसरी एफआईआर नाबालिग और दो पबों के मालिकों, एक मैनेजर और बारटेंडर के साथ-साथ लड़के के पिता के खिलाफ दर्ज की गई.  पहली एफआईआर में पिता के खिलाफ कम उम्र के बेटे को गाड़ी चलाने की इजाजत देने का आरोप भी शामिल है. 

आरोपी को हो सकती है 10 साल तक की जेल

हालांकि पुणे पुलिस के नए कदम के बाद आरोपी लड़के को सख्त कानूनी प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा. पुणे के

पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, “हमने आईपीसी की धारा 304-ए (तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत) को और अधिक कठोर धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) से बदलने के लिए सेशन कोर्ट से संपर्क किया है.”

आरोपी को कैसे मिल सकती है सख्त सजा?

अगर पहली FIR की धारा 304-ए को धारा 304 से बदल दिया जाए, तो अधिकतम सजा 10 साल तक हो सकती है, जबकि 304-ए के तहत दो साल की सजा हो सकती है.आईपीसी की धारा 337 और 338 में अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान है. अगर नाबालिग के रूप में मुकदमा चलाया जाता है, तो आरोपी की सजा कम हो सकती है. लेकिन अगर सेशन कोर्ट उसके खिलाफ एक एडल्ट के रूप में मुकदमे को मंजूरी दे देता है, तो उसे दोषी ठहराए जाने पर पूरी सजा भुगतनी पड़ सकती है. 

वरिष्ठ वकील बालासाहेब खोपड़े के मुताबिक, “केंद्रीय मोटर वाहन एक्ट के नए प्रावधानों के मुताबिक, नाबालिग के माता-पिता को गलत काम के लिए उकसाने के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है. आरोपी अगर निर्भया केस की तरह जघन्य अपराधों में शामिल है, तब ही जुबेनाइल कोर्ट पुलिस को उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति दे सकता है.” 

बिल्डर के बेटे ने ली 2 लोगों की जान

पुणे पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आरोपी ने जुबेनाइल कोर्ट के सामने अपनी शराब की लत की बात कबूल कर ली है. शराब की लत के बाद भी वह बिना कानूनी पात्रता के 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था, तभी उसने मोटरसाइकिल सवारों को टक्कर मार दी. बता दें कि हादसे में जान गंवाने वाले दोनों आईटी इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले थे. 

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि बिल्डर ने जिस इलेक्ट्रिक लक्जरी स्पोर्ट्स सेडान पोर्शे को खरीदा था, उसकी कीमत भारत में कीमत 1.61 करोड़ रुपये से 2.44 करोड़ रुपये के बीच है. खास बात यह है कि उसने आरटीओ को रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान ही नहीं किया था. इसका मतलब साफ है कि पोर्शे कार का रजिस्ट्रेशन लंबित था, फिर भी बिल्डर का नाबालिग बेटा उसे सड़क पर रौंदा रहा था. ग्रे पोर्शे कार को कथित तौर पर 17 साल का लड़का चला रहा था. रविवार सुबह उसने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई.  

पोर्शे का नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन, फिर भी सड़कर पर रौंदाई

हादसे के समय कार बिना रजिस्ट्रेशन नंबर वाली प्लेट के साथ मिली. पुलिस के मुताबिक, ये कार नाबालिक के बिल्डर पिता के नाम पर बेंगलुरु के एक डीलर से खरीदी गई थी. पुणे आरटीओ के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पुणे सिटी पुलिस ने कार के रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी के लिए उनसे संपर्क किया. अधिकारियों ने बताया कि कार के लिए रजिस्ट्रेशन का आवेदन पुणे आरटीओ को मार्च में मिला था. इसका बेंगलुरु से अस्थायी पंजीकरण हुआ था. 

ये भी पढ़ें-बिल्डर का बेटा, 2 करोड़ की पोर्शे कार, टक्कर में 2 मौतें और सजा- 300 शब्दों का निबंध

ये भी पढ़ें-पुणे पोर्शे कार हादसा : नाबालिग आरोपी का पिता गिरफ्तार, एक्सीडेंट में 2 की हुई थी मौत



Source link

x