Rampur Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के रामपुर में बदले जा रहे हैं गेट और पार्कों के नाम, प्रशासन ने बताया ये कारण..

Rampur Uttar Pradesh: रामपुर

वक्त-वक्त की बात है… कभी ऐसा दौर था कि रामपुर में आजम खान (Azam Khan) की तूती बोलती थी. वह जो चाहते थे वही होता था. उन्होंने रामपुर में विकास कराया नए-नए पार्क बनवाए और नवाबी के दौर के दरवाजे तोड़ कर उनकी जगह नए आलीशान द्वार बनवाएं और उनके नाम अपनी पसंद से रखें. जिनमें एक पार्क का नाम आजम खान के पिता मुमताज खान के नाम पर मुमताज पार्क रखा, किसी द्वार का नाम बाबे निजात तो किसी का नाम बाबे हयात रखा. लेकिन अब दौर बदल चुका है प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. जो प्राथमिकता के आधार पर नाम बदलने में विश्वास रखती है, रामपुर के यही गेट और पार्क निशाने पर है और अब उनके नाम बदले जा रहे हैं.

नवाबी दौर के ऐतिहासिक भवनों खूबसूरत पार्को नए-नए द्वारों का शहर रामपुर वैसा ही है जैसा पहले था. प्रदेश में सरकार बदलने के साथ रामपुर में कुछ खास नहीं बदला है. लेकिन अब बदलाव की बयार बह रही है बदलाव किसी नए निर्माण या किसी नई कल्याणकारी योजना का नहीं बल्कि रामपुर के पुराने भवनों और यहां के पार्को और खूबसूरत दरवाजों के नामों में बदलाव हो रहा है.

इसकी मांग उठाई भारतीय जनता पार्टी के नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी जिनका कहना है कि पूर्व मंत्री आजम खान ने यहां पर अपने मनमाफिक नाम रखें,  रामपुर के ऐसे लोगों जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन लगा दिए और प्राण निछावर किए उनके नामों की जगह आजम खान ने अपने मनमाफिक नाम रखे तो पार्क के नाम अपने पिता के ही नाम पर रख दिया. जिसे बदला जाने कि उन्होंने प्रशासन से मांग की. 

उधर जिलाधिकारी रामपुर आंजनेय कुमार सिंह कहते हैं के हम कोई नाम नहीं बदल रहे, हम तो बस रामपुर के ऐतिहासिक और ऐसे लोगों जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन लगा दिया और अपने प्राण निछावर कर दिए उन लोगों के नामों को स्मारकों द्वारों और पार्कों पर लिखवाया जा रहा है. 

आजम खान के पिता मुमताज खान के नाम पर बने पार्क मुमताज़ पार्क का नाम बदले जाने पर डीएम रामपुर कहते हैं यह पार्क नगर पालिका के द्वारा बनाया गया था लेकिन आम लोगों के लिए नहीं खोला गया, बल्कि बंद करके रख दिया गया था. हमने इसे खुलवाया है और इसको ठीक ठाक कराया है साथ ही इसका नाम रामपुर के पहले सांसद और भारत सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद के नाम पर रखा जा रहा है.

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