The Prasad found in Chirhula temple of Rewa is very famous Peda is most liked among the Prasad – News18 हिंदी


आशुतोष तिवारी/ रीवा: मध्यप्रदेश का रीवा शहर में बिराजे चिराहुला नाथ धाम है. यहां के लोगों की इस में गहरी आस्था है. इस मंदिर में पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है. मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती के मौके पर यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां खुद बजरंगबली हनुमान न्यायाधीश बनकर भक्तों के साथ इंसाफ करते हैं. इस मंदिर में हनुमान जी को चढ़ने वाला प्रसाद भी काफी प्रसिद्ध है. सबसे ज्यादा यहां के पेड़े और लड्डू प्रसिद्ध है. जो विशेष रूप से प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है.यहां आने के बाद लोग पेड़ा खाना नहीं भूलते है.

रीवा के चिरहुला मंदिर से लगा हुआ तकरीबन 50 ऐसी दुकानें हैं, जिनका रोजगार यहां के अनोखे प्रसाद पेड़ा और लड्डू से जुड़ा हुआ है. पेड़ा बनाने का काम कर रहे जुगेंद्र साहू ने कहा कि हमारे यहां पीढ़ियों से पेड़ा बनाने का काम चला आ रहा है. खोया, शक्कर और इलायची से पेड़ा तैयार किया जाता है. पूरा दिन पेड़ा बनाने में लग जाता है. 15 किलो पेड़ा बनाने में 4 घंटे लग जाते है.हमलोग श्रद्धा के भाव से पेड़ा बनाते है. पेड़ा बनाने के लिए डभौरा से खोया मंगाते है. इसमें ज्यादा से ज्यादा खोया को चलाया जाता है. यही वजह है की पेड़ा काफी टेस्टी बनता है.

पेड़ा एक कि्लो 210 रुपए में
मंदिर के सामने प्रसाद की बिक्री करने वाले साहिल गुप्ता ने बताया कि चिरहुला मंदिर में प्रतिदिन तकरीबन 50 किलो लड्डू और पेड़े की खपत है. ऑर्डर देकर भी यहां से लोग लड्डू और पेड़ा ले जाते है. खास बात यह है कि प्रसाद में लड्डू और पेड़ा बेचने के लिए भी दुकानदारों ने बकायदा फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया गवर्नमेंट ऑफ मध्यप्रदेश से लायसेंस लिया हुआ है. पेड़े के अलावा यहां मिलने वाला मगज का लड्डू और बूंदी का लड्डू भी काफी पसंद किया जाता है. एक किलो पेड़ा 210 रुपए में मिलता है. जिसमें कम शक्कर का इस्तेमाल किया जाता है. यहां 160 रुपए किलो भी पेड़ा मिलता है. वहीं, 140 रुपए किलो में मगज और बूंदी का लड्डू उपलब्ध है.

यहां लगती है भक्तों की अदालत
ऐसी मान्यता है कि रीवा के चिरहुला मंदिर में कलयुग के देवता बजरंगबली की अदालत में अर्जी लगाने के बाद भक्तों के सारे रुके हुए कार्य पूरे होने लगते हैं. चिरहुला मंदिर की स्थापना चिरौल दास महराज के द्वारा की गई थी.भक्तों के द्वारा न्यायाधीश के रूप में बजरंगबली की पूजा की जाती है. शहर में जब भी कोई बाहर का व्यक्ति आता है. इस मंदिर में मत्था टेकने जरूर आता है.चिरहुला मंदिर रीवा की सबसे प्रसिद्ध मंदिर है.

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