The Supreme Court Told The Center That The Guidelines Of The Court Regarding Hate Speech Must Have Been Followed – हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- एक पक्ष हो या दूसरा, सबके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाए


हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- एक पक्ष हो या दूसरा, सबके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाए

सुप्रीम कोर्ट.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि, चाहे एक पक्ष हो या दूसरा, सबके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए. जहां भी हेट स्पीच  होगी, उससे कानून के अनुसार निपटा जाएगा.  हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि, हम इस बात पर ध्यान नहीं देंगे कि किस पक्ष ने क्या किया. हम नफरत फैलाने वाले भाषणों से कानून के मुताबिक निपटेंगे.  

यह भी पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट नफरत फैलाने वाले भाषण और नूंह सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. जहां एक याचिका में विरोध रैलियों पर रोक लगाने की मांग की गई है, वहीं दूसरी याचिका में मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार के आह्वान की शिकायत की गई है. 

एक वकील ने कहा, “केरल में IUML द्वारा एक रैली की गई थी और उस दिन उन्होंने हिंदुओं की हत्या के संबंध में नारे लगाए थे. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, मैं स्पष्ट हूं कि चाहे एक पक्ष हो या दूसरा, उनके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए और जहां भी नफरती भाषण होगा, उनसे कानून के अनुसार निपटा जाएगा.

नूंह के बाद महापंचायत में मुस्लिमों के खिलाफ बहिष्कार के अभियान के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि हमें उम्मीद है कि इस मामले में हेट स्पीच को लेकर अदालत की गाइडलाइन का पालन किया गया होगा. सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को इस याचिका सुनवाई करेगा.   

हेट स्पीच और हेट क्राइम पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

पिछली सुनवाई में हेट स्पीच और हेट क्राइम पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त विचार व्यक्त किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हेट क्राइम और हेट स्पीच पूरी तरह अस्वीकार्य है. भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों, मैकेनिज्म बनाना जरूरी है. हमें इस समस्या का हल निकालना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रस्ताव मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रैलियों आदि पर रोक लगाने के आदेश देने से इनकार किया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे अपने पास उपलब्ध हेट स्पीच के मैटेरियल को तहसीन पूनावाला फैसले के मुताबिक  नोडल अफसर को दें. नोडल अफसर कमेटी को इस तरह की शिकायतों पर निवारण के लिए समय समय पर मिलना चाहिए.  

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था, हम  DGP से कहेंगे कि वे एक कमेटी का गठन करें, जो अलग-अलग इलाकों के SHO से प्राप्त हेट स्पीच की शिकायतों पर गौर कर उनके कंटेंट की जांच करे और सम्बंधित पुलिस अधिकारियों को इस बारे में निर्देश जारी करे.



Source link

x