The Work Of Review Of The National Pension System Of Government Employees Is Going On: Ministry Of Finance – सरकारी कर्मचारियों के नेशनल पेंशन सिस्टम की समीक्षा का काम जारी : वित्त मंत्रालय
मंत्रालय ने कहा है कि, ‘‘सोमनाथन समिति संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है और अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है.”
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके कहा है कि- ”विभिन्न समाचार पत्रों में छपी एक समाचार रिपोर्ट है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित पेंशन के कुछ विशिष्ट प्रतिशत का विवरण देना है. यह खबर झूठी है.”
This is in reference to a news report carried in various news papers, purporting to give details of certain specific percentage of pension being proposed by the Government for the employees under National Pension System #NPS. This news report is false.
The Committee, set up…
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 22, 2023
मंत्रालय ने कहा है कि, ”पिछले बजट सत्र में लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसरण में वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति वर्तमान में विचार-विमर्श कर रही है और हितधारकों से परामर्श करने की प्रक्रिया में है. समिति अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.”
गठन की शर्तों के अनुरूप यह समिति एनपीएस के दायरे में आने वाले सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों को बेहतर करने के लिए जरूरी उपायों के बारे में सुझाव देगी. ये सुझाव राजकोषीय प्रभाव और समग्र बजटीय प्रावधानों पर असर को ध्यान में रखते हुए दिए जाएंगे ताकि राजकोषीय मजबूती कायम रहे.
वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली इस समिति में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के चेयरमैन सदस्य के रूप में शामिल हैं.
पिछले कुछ महीनों में विपक्ष शासित कई राज्य सरकारों ने ‘पुरानी पेंशन योजना’ (OPS) लागू करने का फैसला किया है. इससे उत्साहित होकर कुछ अन्य राज्यों में भी कर्मचारी संगठनों ने इसकी मांग उठाई है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने ओपीएस लागू करने के अपने फैसले की जानकारी केंद्र सरकार को देने के साथ ही उससे एनपीएस के तहत जमा धनराशि लौटाने का अनुरोध किया है.
जहां तक केंद्र सरकार के स्तर पर ओपीएस लागू करने की मांग का सवाल है तो इस संभावना से वित्त मंत्रालय पूरी तरह इनकार कर चुका है. मंत्रालय की तरफ से संसद में जानकारी दी गई थी कि एक जनवरी, 2004 के बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में ओपीएस लागू करने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
ओपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता था. महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी के साथ यह राशि बढ़ती रहती है.
एनपीएस को जनवरी, 2004 के बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है. अधिकांश राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों ने भी अपने नए कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली के तौर पर एनपीएस को अपनाया है.