The world longest chadar was offered on the occasion of Shahjahan Urs in Agra Taj Mahal know what is its specialty


मुगल बादशाह शाहजहां को उनके 370वें उर्स पर चादर चढ़ाई गई है. बता दें कि बीते मंगलवार को उनके 370वें उर्स का आखिरी दिन था. आखिरी दिन शाहजहां और मुमताज की कब्र पर हिंदुस्तानी सतरंगी चादर चढ़ाई गई है, इस चादर की लंबाई 1640 मीटर है. लेकिन इस चादर की कई और खास बात हैं, जो आज हम आपको बताएंगे. 

सबसे लंबी चादर?

बता दें कि बीते 26 जनवरी से मुगल बादशाह शाहजहां का 370वां उर्स शुरू हुआ था, जो तीन दिनों तक चला है. इन तीनों दिनों में कई अलग-अलग रस्म की अदाई की गई है. वहीं उर्स के आखिरी दिन 28 जनवरी को छीटों के साथ कुरानख्वानी, फातिहा और चादरपोशी की रस्म अदा की गई है. वहीं इस आयोजन से जुड़े ताहिरउद्दीन ताहिर ने बताया कि लगभग 43 साल पहले उनके परिवार की तरफ से 100 मीटर की चादर चढ़ाई गई थी. लेकिन इस बार पूरे देश की तरफ से सबसे लंबी चादर चढ़ाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हर साल उर्स से 20-25 दिन पहले ही सभी धर्म के लोग इस चादर में कपड़ा जोड़ते हैं, जो सौहार्द का प्रतीक है.

चादर की क्या है खासियत

जानकारी के मुताबिक इस चादर को दुनिया की सबसे लंबी चादर कहा जा रहा है. वहीं इस चादर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि हर साल इसकी लंबाई में इजाफा होगा. जी हां, दावा किया जा रहा है कि शाहजहां को जो चादर चढ़ाई गई है, उसकी लंबाई हर साल बढ़ेगी. अब ये दावा कितना सही है, इसके बारे में अगले साल ही पता चल पाएगा. 

पर्यटकों के लिए खुला तहखाना?

बता दें कि ताजमहल के तहखाना में मौजूद शाहजहां और मुमताज की असली कब्र आम पर्यटकों के लिए साल में सिर्फ तीन दिन ही खुलती है. ये मौका शाहजहां के उर्स के होता है. दरअसल पूरे साल ये कब्र बंद रहती हैं. इस दौरान पर्यटक बाकी दिन तहखाने के ऊपरी भाग में प्रतीकात्मक कब्रों का ही दीदार कर पाते हैं. उर्स के मौके पर भारी संख्या में पर्यटक भी आते हैं और वो असली क्रब देखने के लिए जाते हैं. बता दें कि शुरुआत के दो दिनों में पर्यटकों को दो बजे के बाद नि:शुल्क एंट्री दी जाती है. वहीं आखिरी दिन तो देश के सभी नागरिकों और विदेशी सभी सैलानियों के लिए पूरे दिन ताजमहल में प्रवेश नि:शुल्क रहता है.

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