these gangsters friendship turned into enmity Dawood Chhota Rajan Lawrence Bishnoi Neeraj Bawana


कभी एकदूसरे के साथ काम करने वाले गैंगस्टर समय के साथ कट्टर दुश्मन बन जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ था दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन के साथ और अब ये कहानी लॉरेंस बिश्नोई और नीरज बवाना के बीच दोहराई जा रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अंडरवर्ल्ड के वो कौनकौन से डॉन हैं जो अब दुश्मन बन गए हैं.

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जब दाऊद और छोटा राजन के बीच पड़ी दुश्मनी की दरार

दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन कभी करीबी साथी थे. दोनों ने मिलकर मुंबई अंडरवर्ल्ड में अपना वर्चस्व कायम किया था, लेकिन 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए. दाऊद को इस हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, जबकि छोटा राजन ने खुद को इससे दूर रखा. इसी घटना के बाद दोनों के बीच गहरी खाई पैदा हो गई और वे आजीवन दुश्मन बन गए.

लॉरेंस बिश्नोई और नीरज बवाना दोस्त से बने दुश्मन

आज के समय में लॉरेंस बिश्नोई और नीरज बवाना को कुख्यात गैंगस्टर माना जाता है. दोनों ही अपनेअपने गिरोहों के सरगना हैं और इनके बीच लंबे समय से दुश्मनी चल रही है. इनकी दुश्मनी की जड़ें काफी गहरी हैं और इसका असर पूरे उत्तर भारत में देखा जा सकता है. दोनों गैंगस्टरों ने एकदूसरे के खिलाफ कई हमले करवाए हैं और कई लोगों की हत्याएं भी करवाई हैं.

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बलबीर बानूड़ा और राजू ठेहट की दुश्मनी

राजू ठेहट और बलबीर बानूड़ाआनंदपाल के बीच दोस्ती और दुश्मनी और गैंगवार की कहानी को समझने के लिए हमें 1990 के दशक में जाना होगा. ठेहट ने 1995 में जुर्म की दुनिया में कदम रखा था. इसी बीच उसकी दोस्ती बलबीर बानूड़ा से हुई. 1998 से लेकर 2004 तक राजू ठेहट और बलबीर बानूड़ा साथ रहे और शराब के अवैध कारोबार में खूब पैसा कमाया. इसके बाद दोनों की शराब की कमाई के पैसों को लेकर ठन गई. ठेहठ ने इस दौरान बलबीर के साले की हत्या कर दी. जिसके बाद ये दोस्ती दुश्मनी में बदल गई.                                                                 

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