This is the potato variety with bumper yield, farmers will earn huge income at low cost. – News18 हिंदी


सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद क्षेत्र को आलू की बेल्ट के नाम से जाना जाता है. यहां के किसान बढ़ी लागत लगाकर फसल को तैयार करते हैं. लेकिन अच्छे किस्म के बीज न मिलने के कारण फसल से कोई खास मुनाफा नहीं हो पाता है. लेकिन अब ऐसे किसानों के लिए खुशखबरी है. फर्रुखाबाद के साथ ही अब प्रदेश के किसानों को अच्छे किस्म वाले बीज मिलेंगे. जिससे बंपर आलू की पैदावार होगी. वहीं आलू की इस खास किस्म में रोग भी नहीं लगते हैं. कम समय में किसान इस आलू से तगड़ी कमाई कर सकते हैं.

फर्रुखाबाद के कृषि वैज्ञानिक राहुल पाल ने बताया कि वह कमालगंज के श्रंगीरामपुर में पाली हाउस में ऊतक संवर्धन, एयरोपोनिक पद्धति से आलू की फसल और बीज तैयार करते हैं. यह बीज रोग मुक्त होने के साथ ही बंपर पैदावार वाला है. जिससे किसान अब अच्छी कमाई भी कर सकते हैं. इस समय पर यहां से प्रदेश के साथ ही देश के कई राज्यों केे किसान आलू के बीज खरीदकर ले जा रहे हैं.

आलू के लिए यह है जलवायु और तापमान

आलू की फसल के लिए मौसम बहुत ही महत्वपूर्ण है. ऐसे में इसको हम 15 से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर इसकी बुआई करते हैं. वहीं हम सब जानते हैं कि आलू एक कंद वाली फसल है. ऐसे में आलू की फसल अच्छी आद्रता के साथ ही धूप की आवश्यकता होती है.

यह है आलू की उन्नत किस्म

यूं तो किसान कई प्रकार के बीजों से आलू की फसल तैयार करते हैं, लेकिन अब उन्हें फर्रुखाबाद में इस उन्नत आलू की 28 प्रकार की किस्में मिल जाएंगी. जिनमें कुफरी मोहन, कुफरी उदय, चिप्सोना, कुफरी किरण, कुफरी लोहित, कुफरी माणिक और ख्याति जैसी विभिन्न प्रकार की वैरायटी मिलेगी.

कैसे होती है आलू की खेती

आलू की फसल तैयार करने के लिए समतल भूमि में जैविक उर्वरक डालने के बाद खेत में मशीन के द्वारा किसान आलू के बीजों की बुआई करते हैं. इसके बाद समय से सिंचाई और खरपतवार की निराई करने के बाद फसल पकने पर आलू की खुदाई करके शीतगृह और बाजार में बिक्री कर देते हैं.

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