this is why accidents do not happen in metro like in train know the technology to avoid derailment


आपने अक्सर देखा होगा कि ट्रेन हादसे की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. देश की अलगअलग जगहों पर हाल ही में कई ट्रेन हादसे देखने को मिले. देश के अलगअलग हिस्सों में चलने वाली ट्रेन अक्सर हादसे का शिकार हो जाती है, लेकिन मेट्रो में हादसे कम होते हैं. ऐसा क्यों? आइए जानते हैं उन तकनीकी कारणों के बारे में जो मेट्रो को हादसों से सुरक्षित बनाते हैं.

मेट्रो और ट्रेन में क्या है अंतर?

सबसे पहले जान लेते हैं कि मेट्रो और ट्रेन में क्या अतंर होता है. तो बता दें कि मेट्रो की पटरियां आमतौर पर जमीन के ऊपर या नीचे होती हैं, जबकि ट्रेन की पटरियां जमीन पर होती हैं. वहीं मेट्रो का निर्माण अधिक नियंत्रित वातावरण में होता है, जबकि ट्रेन की पटरियां अलगअलग प्रकार के वातावरण में बिछाई जाती हैं. साथ ही मेट्रो का संचालन पूरी तरह से स्वचालित या अर्धस्वचालित होता है, जबकि ट्रेन का संचालन इंसान द्वारा किया जाता है. इसके अलावा मेट्रो में यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है, जबकि ट्रेन में यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है.

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ट्रेन की अपेक्षा मेट्रो को सुरक्षित बनाने वाली तकनीकें

बैलेस्टलेस ट्रैक: मेट्रो में बैलेस्टलेस ट्रैक का उपयोग किया जाता है, जिसका मतलब है कि ट्रैक पर गिट्टियां नहीं होती हैं। इससे ट्रैक अधिक स्थिर होता है और ट्रेन के डिरेल होने का खतरा कम होता हे.

सीबीटीसी सिस्टम: मेट्रो में सीबीटीसी (Communication-Based Train Control) सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जो ट्रेनों की गति और दूरी को नियंत्रित करता है। यह सिस्टम ट्रेनों को एकदूसरे से टकराने से रोकता है.

ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम: अगर कोई खतरा दिखता है, जैसे कि सिग्नल का लाल होना या ट्रैक पर कोई बाधा होना, उस समय यह सिस्टम ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देता है.

अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम: मेट्रो में अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जो ट्रेनों को सुरक्षित रूप से चलाने में मदद करता है.

नियंत्रण केंद्र: मेट्रो का संचालन एक नियंत्रण केंद्र से किया जाता है, जहां से सभी ट्रेनों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है.

इसके अलावा मेट्रो में हादसे कम होने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें उन्नत तकनीक, बेहतर नियंत्रण और सुरक्षा मानकों का पालन शामिल है. हालांकि किसी भी सिस्टम में खराबी आ सकती है, इसलिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है.                                   

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