This Meeting Of Arvind Kejriwal In Jail Became Special, The Coincidence Of Bail Was Linked To It – अजब इत्तेफाक: इधर पत्नी से जेल में हो रही थी केजरीवाल की मुलाकात, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से आई गुड न्यूज


अजब इत्तेफाक: इधर पत्नी से जेल में हो रही थी केजरीवाल की मुलाकात, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से आई गुड न्यूज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल (फाइल फोटो).

नई दिल्ली :

जेल में मुलाकात का समय और अवधि तय होती है. यानी कैदी से अधिकतम 45 मिनट तक मुलाकात हो सकती है. आज इसी 45 मिनट की समय सीमा के बीच मुलाकात के साथ ऐसा संयोग बना कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को तय अवधि के लिए जेल से मुक्ति मिल गई. दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar jail) में जब केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल (Sunita Kejriwal) मुलाकात कर रही थीं, ठीक उसी वक्त पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उनकी जमानत के मामले पर बहस चली और आखिरकार उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई. अब 50 दिन की कैद के बाद अरविंद केजरीवाल 21 दिन तक अपने परिवार के साथ रह सकेंगे.             

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शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और उनके बेहद करीबी विभव ने मुलाकात की. मुलाकात के लिए दो बजे का समय पहले से तय था. जिस वक्त केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर कोर्ट में बहस चल रही, उस वक्त वे पत्नी सुनीता केजरीवाल और विभव से मुलाकात में व्यस्त थे. सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी.

केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना होगा

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना होगा और वापस जेल जाना होगा. पीठ ने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के कारणों का ब्यौरा बाद में दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी की पांच जून तक की अंतरिम जमानत का अनुरोध अस्वीकार कर दिया. लोकसभा चुनाव के लिए सातवें और अंतिम चरण के लिए एक जून को वोटिंग होगी. चार जून को मतगणना के साथ चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे.

अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि, इस तरह का पहले का कोई उदाहरण नहीं है.

अंतरिम जमानत देने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. ईडी की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ (ECIR) अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी और केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया. पीठ ने ईडी से कहा कि, ‘‘वे डेढ़ साल तक बाहर रहे. उन्हें पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.”

तुषार मेहता और एसवी राजू ने कोर्ट से जमानत की शर्तें लागू करने का अनुरोध किया जिसमें यह भी शामिल होना चाहिए कि मुख्यमंत्री केजरीवाल आबकारी नीति के मामले में कुछ नहीं कहेंगे. पीठ ने कहा कि जमानत की शर्तें वैसी ही होंगी जैसी आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के मामले में लागू की गई थीं. संजय सिंह को इसी केस में पिछले माह जमानत दी गई थी.

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