This prayer of Tahajjud is offered from midnight in Ramadan, every prayer is accepted – News18 हिंदी


धीर राजपूत/फिरोजाबाद: मुस्लिम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पाक माना जाता है. इस महीने में रोजे रखने से लोगों की सभी दुआएं कुबूल होती है. वहीं रमजान में लोग मस्जिदों में जाकर नमाज भी अदा करते हैं. लेकिन रमजान महीने में एक ऐसी नमाज भी है जिसे लोग आधी रात से पढ़ना शुरू करते हैं और फजर की अजान से पहले नमाज़ को पढ़ लेते हैं. जिससे लोगों की दुआएं जल्दी कुबूल हो जाती है.

फिरोजाबाद की मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी ने जानकारी देते हुए लोकल 18 को बताया कि रमजान का महीना सबसे पाक महीना माना जाता है. इस महीने में लोग अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं और उनकी सभी दुआएं कुबूल हों इसके लिए नमाज पढ़ते हैं. लेकिन रमजान के महीने में तहज्जुद की नमाज का भी नियम है.

आधी रात से पढ़ी जाती है तहज्जुद की नमाज
मौलाना ने बताया कि यह नमाज आधी रात से पढ़ना शुरू की जाती है और फजर की अजान से पहले तक पढ़ी जाती है. वहीं मौलाना ने बताया कि ऐसा माना जाता है तहज्जुद की नमाज के बाद मांगी गई हर दुआ जरूर कुबूल होती है. इसलिए लोगों को यह नमाज जरुर पढ़नी चाहिए.

रात में अल्लाह की इबादत को माना जाता है सवाब
मौलाना ने बताया कि कुरान और हदीस की रोशनी में तहज्जुद की नमाज़ की बड़ी अहमियत है. अल्लाह का यह पसंदीदा अमल पैग़ंबरों और औलिया अल्लाह की पहली पसंद रहा है. रात ढलने का वक्त दुआओं की कबूलियत की घड़ी होती है. नींद के वक्त में बिस्तर को छोड़कर अल्लाह के हुज़ूर तहज्जुद की नमाज़ के लिए खड़े हो जाना बड़े अज्र व सवाब का बाईस है. यह एक ऐसी नमाज़ है जिसके ज़रिये अल्लाह का कुर्ब और अल्लाह की रज़ा भी हासिल होती हैं और अल्लाह ताला इंसान के हर बिगड़े हुए काम को सही फरमा देता हैं. जैसे- कारोबार में बरकत, बीमारी से शिफा, बेरोजगारी दूर, घर में सुकून व आराम.

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