This woman prepares herbal gulal from spinach, turmeric and henna, has sold 4 quintals, earns this much in a season – News18 हिंदी


आलोक कुमार/गोपालगंज: गुलाल भी महिलाओं के जीविकोपार्जन का जरिया बन गया है. बिहार के कई जिलों में महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही है. खास बात यह है कि हर्बल गुलाल बनाने में ज्यादा पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है. हर्बल गुलाल बनाने के लिए आस-पास ही पेड़-पौधे मिल जाता है. इससे कम लगात में बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है. पिछले कुछ समय से विभिन्न रसायनों से बनने वाले रंगों से लोग परहेज करने लगे है.

इसके पीछे की मुख्य वजह इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ना है. यही वजह है कि होली के समय हर्बल गुलाल की डिमाड बढ़ जाती है. बिहार के गोपालगंज जिले में दर्जनों महिलाएं हर्बल गुलाल बनाने का काम कर रही हैं. कई महिलाएं तो हर्बल गुलाल के कारोबार से आत्मनिर्भर हो चुकी हैं. उन्हीं महिलाओं में से एक हैं गोपालगंज जिला के हथुआ गांव की रहने वाली रेखा देवी, जो पालक साग, हल्दी और मेहदी से हर्बल गुलाल बना रही है.

दो साल से हर्बल गुलाल बना रही हैं रेखा देवी
हथुआ गांव की रहने वाली रेखा देवी ने बताया कि पिछले दो वर्षो से हर्बल गुलाल बना रहे हैं. इसके अलावा मशरूम का उत्पादन करते हैं. मशरूम उत्पादन के लिए पूसा यूनिवर्सिटी से प्रशिक्षण लिया है. रेखा देवी ने बताया कि हर्बल गुलाल इसलिए बनाना शुरू किया क्योंकि मार्केट में जो गुलाल मिलता है, उसमें केमिकल रहता है और यह स्किन को भी नुकसान पहुंचता है. साथ हीं आंख पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. जब लोगों को इससे जूझते देखा तो मन में ख्याल आया क्यों ना हर्बल गुलाल बनाने के काम शुरू किया जाए.

अब गुलाल की मांग गोपालगंज में ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी हो रही है. उन्होंने बताया कि इस बार अब तक 4 क्विंटल गुलाल की बिक्री कर चुके हैं. पिछले दो वर्ष से गुलाल बना रहे हैं और हाथों हाथ बिक जा रहा है.

चार से पांच प्रकार का बनाती हैं हर्बल गुलाल
रेखा देवी ने बताया कि चार से पांच प्रकार का हर्बल गुलाल बना रहे है. हल्दी से पीला गुलाल बनाते है. जबिक पालक साग से हरा गुलाल बनता है. गुलाल बनाने में फल का भी इस्तेमाल करते हैं. इससे गुलाल काफी सॉफ्ट रहता है. गुलाल बनाने में अरारोट का भी प्रयोग होता है. उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी से लेकर होली तक में चार क्यूंटल हर्बल गुलाल तैयार कर लेते हैं. सारे की खपत हो जाती है. इस सीजन कारोबार से 3 लाख से अधिक की कमाई हो जाती है.

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