Those Who Are Against Sanatan, Why Are You With Them?: PM Modis Question To Congress Regarding DMK – जो सनातन के खिलाफ, आप उनके साथ क्यों?: PM मोदी का DMK को लेकर कांग्रेस से सवाल
नई दिल्ली :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कांग्रेस और DMK पर उनके “सनातन विरोधी रुख” को लेकर हमला बोला है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस की DMK के साथ गठबंधन करने की क्या मजबूरी थी, जो “नफरत” फैलाती है और सनातन धर्म के खिलाफ “जहर” उगलती है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में PM मोदी ने सोमवार को कहा कि DMK के खिलाफ भारी गुस्सा है और लोग अब भाजपा की ओर बढ़ रहे हैं. साथ ही उन्होंने तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई (K Annamalai) की जमकर प्रशंसा की.
कांग्रेस सनातन का विरोध करने वालों के साथ क्यों? कांग्रेस ने अपना मूल चरित्र छोड़ दिया है क्या.. ANI को दिए इंटरव्यू में PM मोदी #PMModiInterview | #LoksabhaElection2024 | #PMModi | #NarendraModi | #Congresspic.twitter.com/G4b0ajnego
— NDTV India (@ndtvindia) April 15, 2024
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उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी (भाजपा) की पांच पीढ़ियां दक्षिण भारत में काम कर रही हैं. इसलिए लगातार काम चल रहा है. जब लोग कांग्रेस से निराश हो गए तो वे क्षेत्रीय दलों की ओर चले गए. अब लोग इनसे निराश हैं. उन्होंने निराशा के इस माहौल में दिल्ली में भाजपा सरकार का मॉडल देखा. उन्होंने भारत के अन्य राज्यों में भाजपा सरकार का मॉडल देखा. देश भर में रहने वाले तमिलों ने अपने घर जाकर कहा कि हम जहां रहते हैं उस राज्य में ऐसा हो रहा है. इसलिए लोगों ने स्वाभाविक रूप से तुलना करना शुरू किया. मैंने ‘तमिल काशी संगम’ किया तो तमिलनाडु में डीएमके पार्टी के लोग हमें ‘पानीपुरी वाले’ कहकर हमारा मजाक उड़ाते थे.’ हालांकि जब तमिलनाडु के लोग काशी संगम पर आए और उन्होंने काशी को देखा तो उन्होंने कहा कि ये तो वो नहीं है जिसके बारे में हम सुनते थे. यह बहुत विकसित दिखता है. बहुत प्रगति हुई है. और इसी वजह से डीएमके के खिलाफ काफी गुस्सा बढ़ गया है. उस गुस्से ने अब लोगों को सकारात्मक तरीके से भाजपा की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है.”
उन्होंने कहा, “अन्नामलाई एक बहुत अच्छे नेता हैं, स्पष्टवादी हैं. वह युवा हैं. उन्होंने आईपीएस कैडर की नौकरी छोड़ी. अन्य लोग सोचते हैं कि उन्होंने इतना बड़ा करियर छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए, अगर वह डीएमके में चले गए होते तो बड़ा नाम बन गए होते. वह वहां नहीं गए. वह भाजपा में आए क्योंकि उन्हें पार्टी पर भरोसा और यह मेरी पार्टी की खासियत है कि हम हर स्तर पर, हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता को जो क्षमता रखता है. हमारी कोई परिवार आधारित पार्टियां नहीं हैं. कुछ पार्टियां (विपक्ष) हैं, जिनका मिशन है: परिवार का, परिवार द्वारा और परिवार के लिए. और इसीलिए यहां हर किसी को मौका मिलता है.”
सनातन धर्म और तमिलनाडु में भाजपा का रुख कर रहे लोगों के खिलाफ डीएमके द्वारा दिए गए बयानों पर पीएम मोदी ने कहा कि डीएमके का जन्म इसी “नफरत” में हुआ होगा. साथ ही उन्होंने कांग्रेस से डीएमके के साथ हाथ मिलाने की उनकी “लाचारी” के बारे में सवाल किया.
क्या अपना मूल चरित्र खो चुकी है कांग्रेस? : PM मोदी
उन्होंने कहा, “मैं इस सवाल को अलग ढंग से देखता हूं. कांग्रेस से सवाल पूछा जाना चाहिए. वह कांग्रेस जिसके साथ महात्मा गांधी का नाम जुड़ा था, वह कांग्रेस जहां इंदिरा गांधी गले में रुद्राक्ष माला पहनती थीं. सवाल पूछा जाना चाहिए कांग्रेस को कि आपकी क्या मजबूरी है? आप ऐसे लोगों के साथ क्यों बैठे हैं जो सनातन के खिलाफ हैं? आपकी राजनीति अधूरी है? यह नफरत चिंता का विषय है. सवाल उनका नहीं है, सवाल कांग्रेस जैसी पार्टी का है कि क्या वह अपना मूल चरित्र खो चुकी है?”
विविधता हमारी ताकत है : PM मोदी
डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना ‘मलेरिया’ और ‘डेंगू’ जैसी बीमारियों से की थी. साथ ही उन्होंने इसे खत्म करने की वकालत की थी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि दक्षिण अलग इकाई है और उत्तर अलग. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत “पूर्ण विविधता” का देश है और कहा कि “विविधता हमारी ताकत है.”
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