Threatened to kidnap daughter if loan installment is not paid, father dies of heart attack after hearing the threat


ऋतु राज/ मुजफ्फरपुर:- कर्ज लेना कभी-कभी लोगों को काफी महंगा पड़ जाता है. उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. लेकिन हद तब हो गई, जब कर्ज में फंसे एक पिता को उसकी बेटी घर से उठा लेने की धमकी दी गई. वह बेचारा इस बात को सहन नहीं कर पाया और उसकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. घटना बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखण्ड के सिराजाबाद गांव की है, जहां 6 लाख रुपए कर्ज के भंवर में फंसे आइसक्रीम विक्रेता मो.

अकबर अली ने दो बेटियों की शादी व अन्य कामों के लिए एक-एक कर सात कंपनियों से 6 लाख रुपए का कर्ज ले रखा था. दो बैंकों से 1 लाख 31 हजार रुपए, एक और बैंक से 2 लाख 20 हजार, एक सर्विसेज लि. से 35 हजार, एक समूह और कंपनी, फाइनेंस लि. कंपनी अन्य से करीब 6 लाख का लोन ले रखा है. इसे चुकाने के लिए फाइनेंस कर्मी प्रताड़ित कर रहे थे. सोमवार को भी फाइनेंस कर्मी 6 हजार रुपए लेने आए थे.

बेटे ने बताई पूरी सच्चाई
मो. अकबर अली के छोटे बेटे अनवारूल ने लोकल 18 को बताया कि हर दिन कंपनियों के कर्मी कर्ज वसूलने आते थे. धमकी देते थे कि कर्ज नहीं चुका सकते, तो अपनी बेटी को ही हमें दे दो. हम उसी से कर्ज वसूल लेंगे. बेटी को पकड़कर कहते थे कि तुम चलो ऑफिस में, हम पैसा चुका लेंगे. बकरी बेचो या खून बेचो, लेकिन पैसे का जल्द भुगतान करो, वरना तुमको नहीं छोड़ेंगे. इतना ही नहीं, वो लोग बेटी की इतनी बेइज्जती करते थे कि एक लाचार बाप ये बर्दास्त नहीं कर पाया और उसे हार्ट अटैक आ गया.

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सप्ताह में इतने हजार करते थे भुगतान
बेटे ने Local 18 को आगे बताया कि हर माह करीब 44 हजार रुपए ब्याज और स्टॉलमेंट भुगतान में जाता था. एक घंटे की देरी पर भी रकम वसूलते थे. इससे परिवार की आर्थिक हालत काफी बिगड़ गई. पिता आइसक्रीम बेचते थे और बड़ा भाई दूसरे प्रदेश में मजदूरी का काम करता है. मां सिलाई का काम, जबकि छोटा भाई कपड़े की दुकान में काम करता है. इसी से परिवार का भरण-पोषण होता है. इसके साथ कर्ज चुकाने की कोशिश में हम लगे थे. सप्ताह में 12 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ता था. इससे परिवार के लोग तनाव में थे. 9 मार्च 2019 को लोन खाते में लाल स्याही से एक घंटा लेट लिखकर दो सौ रुपए की वसूली भी की गई थी. घटना को लेकर थानाध्यक्ष राजू पाल ने बताया कि फोन पर सूचना मिली थी. परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. यदि आवेदन मिलता है, तो कार्रवाई की जाएगी.

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