Tigress will be identified with new tag number, preparation to release her in the forest of Satpura Tiger Reserve. – News18 हिंदी
नर्मदापुरम. 2022 में छिंदवाड़ा में एक मादा शावक कुएं में गिरकर घायल होने से अपने परिवार से बिछड़ गई थी. वन विभाग की टीम ने इसका रेस्क्यू कर वन विहार भोपाल में उपचार किया. युवा होने पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के रिवाइल्डिंग सेंटर में लाया गया था. दो साल से पशु चिकित्सक, मैदानी अमला, प्रबंधन की टीम इसकी देखभाल कर रही हैं. अब यह पूरी तरह स्वस्थ और व्यस्क हो चुकी है.
आक्रमक स्वभाव और शिकार कर जीवन यापन में माहिर बाघिन को एसटीआर प्रबंधन अब खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी कर रहा है. अब एसटीआर में बाघों के कुनबे में जल्द एक और बाघिन शामिल होगी. बाघिन जब तक जंगल में अपना इलाका नहीं बना लेगी जंगल गश्ती दल उसकी निगरानी करेंगे.
मॉनिटरिंग की जाएगी
जंगल गश्ती दलों को बाघिन की मॉनिटरिंग के लिए लगाया जा रहा है. दो वर्ष तक मानव संपर्क से अलग और एकांत में रहने के कारण इसका स्वभाव आक्रामक है. इस कारण उस पर निगरानी रखी जाएगी. बाघिन की ड्रोन से मॉनीटरिंग कर उसे मानव संपर्क से दूर रखा गया. बाधिन के दिमाग में मनुष्य की छाप और अहसास नहीं होने उसमें निडरता रहेगी. बाघिन को खुले जंगल में रहने के लिए अपना इलाका बनाना होगा. इसके लिए वह जिस भी क्षेत्र में जाएगी वहां के टाइगर से उसकी भिड़त होगी.
एसटीआर के अनुसार बाघिन ने अपने दम पर जीवित रहना सीख लिया है. जंगल में अपना इलाका बनाना और शिकार करने में माहिर हो गई है. कुछ समय में ही बाधिन को एसटीआर के तय किए क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा.
जंगल में छोड़ा जाएगा
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने लोकल 18 को बताया कि जंगल में जाते ही बाघिन एसटीआर की नई सदस्य होगी. मॉनिटरिंग करने बाघिन को एसटीआर एक नंबर देगा. इसी नंबर से इस बाघिन की पहचान होगी. अब जल्द ही बाघिन को खुले जंगल में छोड़ देंगे. दो सालों से वह बाड़े में रह रही थी. लगातार मॉनिटरिंग कर उसके रहन सहन पर नजर रखी जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 18:45 IST