Tulsi Rules: When You Should Not Touch Tulsi Plant, Tulsi Ko Kab Nahi Chhoona Chahiye – क्या हैं तुलसी से जुड़े नियम, जान लीजिए कब और क्यों Tulsi को जल देना और स्पर्श करना होता है वर्जित
Tulsi Puja: सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत महत्व है. घर-घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता है और उसकी देखभाल के साथ-साथ पूजा भी की जाती है. घर में लगी तुलसी की प्रतिदिन पूजा करना और उसे पानी देना जरूरी होता है. हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के कारण तुलसी के कुछ नियम (Tulsi Niyam) हैं जिनके अनुसार कुछ दिनों में तुलसी में पानी देना और पौधे को छूने की मनाही होती है. आइए जानते हैं कब-कब और क्यों तुलसी को न तो पानी देना चाहिए और न ही पौधे को छूना ही चाहिए.
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तुलसी का पौधा कब नहीं छूना चाहिए
हर माह की एकादशी (Ekadashi) की तिथि को तुलसी के पौधे में न तो पानी देना चाहिए और न ही पौधे को स्पर्श ही करना चाहिए. मान्यता है कि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन माता तुलसी भी भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती हैं. इसलिए एकादशी के दिन तुलसी में जल डालने या पत्ते तोड़ने की मनाही होती है. पौधे में जल देने में माता तुलसी (Tulsi Mata) के व्रत के खंडित होने का डर रहता है.
रविवार और मंगलवार
तुलसी के पौधे को हर रोज जल देने और पूजा करने का विधान है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार (Sunday) और मंगलवार के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए और न ही तुलसी के पौधे को छूना या पत्ते तोड़ने चाहिए. भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय हैं और रविवार के दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. ऐसे में अगर रविवार के दिन मां तुलसी को जल चढ़ाएंगे तो उनका व्रत खंडित हो जाता है. मंगलवार को तुलसी के पौधे में जल देने से भगवान शंकर के नाराज होने का भय रहता है. इसलिए रविवार और मंगलवार को तुलसी के पौधे में जल नहीं डालना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)