Tussle Continues Over Who Will Have Complete Control Over Appointment Of Judges: CJI Chandrachud – न्यायाधीशों की नियुक्ति पर पूर्ण नियंत्रण किसका होगा, इसे लेकर खींचतान जारी : CJI चंद्रचूड़ 

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hvo1c22c cji dy chandrachud Tussle Continues Over Who Will Have Complete Control Over Appointment Of Judges: CJI Chandrachud - न्यायाधीशों की नियुक्ति पर पूर्ण नियंत्रण किसका होगा, इसे लेकर खींचतान जारी : CJI चंद्रचूड़ 

उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधिकरणों का एक उद्देश्य हमारी अदालतों में मामलों की देरी से निपटना था और यह आशा की गई थी कि ये न्यायाधिकरण, जो साक्ष्य और प्रक्रिया के सख्त नियमों से बंधे नहीं हैं, अदालतों के बोझ को कम करने में मदद करेंगे और न्याय प्रदान करने में सहायक होंगे.”

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हालाकि, हमारे न्यायाधिकरण बड़े पैमाने पर समस्याओं से ग्रस्त हैं और फिर हम खुद से पूछते हैं कि क्या इतने सारे न्यायाधिकरणों का गठन करना वास्तव में आवश्यक था.”

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, आपको न्यायाधीश नहीं मिलते हैं, जब आपको न्यायाधीश मिलते हैं, तो रिक्तियां उत्पन्न होती हैं जिन्हें लंबे समय तक लंबित रखा जाता है… और फिर यह लगातार झगड़ा होता है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति पर पूर्ण नियंत्रण किसे मिलेगा.”

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बार और बेंच के सदस्यों (वकीलों और न्यायाधीशों) को उन अनुकूल परिस्थितियों को नहीं भूलना चाहिए जिनमें वे देश के बाकी हिस्सों के विपरीत काम करते हैं क्योंकि यहां शासन की संस्कृति है. 

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘यहां शासन की एक संस्कृति है जहां सरकार न्यायाधीशों के काम में हस्तक्षेप नहीं करती है. वे उन परिणामों को स्वीकार करते हैं जो अनुकूल हैं… वे उन परिणामों को भी स्वीकार करते हैं जो प्रतिकूल हैं क्योंकि यही महाराष्ट्र की संस्कृति है.”

उन्होंने कहा, ‘‘अक्सर हम उस काम के महत्व को भूल जाते हैं जो सरकार न्यायिक बुनियादी ढांचे के समर्थन में करती है.”

प्रधान न्यायाधीश ने अदालत कक्षों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अधिक सुलभ बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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