देश-विदेश से एक साथ डिग्रियां ले सकेंगे छात्र, शिक्षा मंत्री निशंक ने UGC का मसौदा किया सार्वजनिक

UGC: भारतीय छात्र एक ही समय में देश-विदेश के विश्वविद्यालयों से डिग्री हासिल कर सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसके लिए विनियमन मसौदा तैयार किया है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को इस मसौदे को सार्वजनिक किया। इस पर विभिन्न पक्षों से 15 मार्च तक टिप्पणी मांगी गई है।

प्रस्तावित व्यवस्था के तहत भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने वाले छात्र यूजीसी के नियमों का पालन करते हुए एक ही समय में विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों में भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। भारतीय छात्रों द्वारा विदेशों में अर्जित किए गए क्रेडिट को भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्री और डिप्लोमा में शामिल किया जा सकेगा। संयुक्त डिग्री कार्यक्रम के मामले में ऐसा पाठ्यक्रम भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन किया जाएगा और कार्यक्रम पूरा होने पर छात्रों को दोनों संस्थाओं की ओर से संयुक्त रूप से डिग्री और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। डिग्रियों पर उन दोनों का प्रतीक चिन्ह होगा। इन संस्थाओं के तहत दोहरी डिग्री कार्यक्रम भारतीय और विदेशी संस्थाओं द्वारा अलग अलग और एक साथ दोनों संस्थाओं की डिग्री के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करने पर प्रदान किया जाएगा।

विनियामक तंत्र का प्रस्ताव 
नए नियमों के तहत विदेशों में हासिल ग्रेड के आधार पर छात्र देश में डिग्री हासिल कर सकेंगे। बजट 2021 में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय छात्रों के लिए एक साथ अलग-अलग डिग्री या दो डिग्रियां तथा संयुक्त शिक्षण कार्यक्रम की सुविधा की अनुमति देने के लिए एक सक्षम विनियामक तंत्र का प्रस्ताव दिया गया है। यूजीसी ने इसके अनुरूप ऐसी डिग्रियों की व्यवस्था के लिए देशी और विदेशी संस्थाओं के बीच अकादमिक सहयोग से संबधित नियमन-2021 की पेशकश की है।

इन पर लागू होंगे 
ये नियम भारत के उन उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू होंगे, जो स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों सहित डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए विदेशों के अग्रणी शिक्षा संस्थानों के साथ सहयोग करने के इच्छुक हैं। इसी तरह ये नियम उन विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों पर भी लागू होंगे, जो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ ऐसा सहयोग करने की इच्छा रखते हैं। विनियमों के तहत भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग से क्रेडिट मान्यता और स्थानांतरण, संयुक्त कार्यक्रम, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री प्रदान करने की सुविधा होगी।

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