ukraine is spending 37 percent of its GDP on the army know why


क्या आपने कभी सोचा है कि कोई देश अपनी कुल आय का लगभग आधा हिस्सा सिर्फ अपनी सेना पर खर्च कर सकता है? यह सुनकर आपको हैरानी होगी, लेकिन यह सच है. यूक्रेन जैसा एक देश, जो अपनी खूबसूरती और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता था, आज युद्ध के कारण अपनी GDP का 37% हिस्सा अपनी सेना पर खर्च करने को मजबूर है. यहां सरकार ज्यादा से ज्यादा सैन्य कर्मियों को सुविधा मुहिया करवाने में पैसे खर्च कर रही है.

क्यों खर्च कर रहा है इतना?

दरअसल 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. इस हमले के बाद यूक्रेन को अपनी रक्षा के लिए अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करना पड़ा. युद्ध के कारण यूक्रेन को बड़े पैमाने पर जीवन और संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में यूक्रेन के ज्यादातर शहर तबाह हो गए हैं और लाखों लोग बेघर हो गए हैं. साथ ही अर्थव्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है. देश में उद्योग धंधे बंद हो गए हैं, बेरोजगारी बढ़ गई है और मुद्रास्फीति आसमान छू रही है. ऐसे में इस देश में एक मानवीय संकट पैदा हो गया है. लाखों लोगों को भोजन, पानी और दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

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सेना पर इतना खर्च क्यों?

रूस के आक्रमण से खुद को बचाने के लिए यूक्रेन को अपनी सेना को मजबूत करना पड़ रहा है. साथ ही युद्ध में जीत हासिल करने के लिए यूक्रेन को आधुनिक हथियारों की जरुरत है. देश में युद्ध में लगे सैनिकों को भोजन, कपड़े, हथियार और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध करानी होती हैं. यही वजह है कि यूक्रेन को अपनी जीडीपी का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा सेना पर खर्च करना पड़ रहा है.

बता दें यूक्रेन की मदद के लिए दुनिया के कई देश आगे आए हैं. इन देशों ने यूक्रेन को हथियार, धन और मानवीय सहायता उपलब्ध कराई है, लेकिन फिर भी यूक्रेन के सामने बहुत बड़ी चुनौतियां हैं.

क्यों है जरुरी?

यूक्रेन का GDP का 37% रक्षा पर खर्च करना केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा, sovereignty और स्थिरता की जरुरत को बताता है. ये खर्च न केवल सैन्य उपकरणों और संसाधनों में निवेश के लिए है, बल्कि यह देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी जरुरी है. यूक्रेन ने अपने सैन्य बलों को आधुनिक बनाने और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए विदेशी मदद और साथ देने की भी मांग की है.

बता दें यूक्रेन का रूस के साथ संघर्ष 2014 में शुरू हुआ जब रूस ने क्राइमिया पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से, यूक्रेन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं. यह संघर्ष आज भी जारी है और रूस के साथ युद्ध ने यूक्रेन को मजबूर किया है कि वह अपनी सेना और सुरक्षा बलों को मजबूत कर सके. इस स्थिति ने यूक्रेन की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को भी प्रभावित किया है.

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