Umbrella is used the most in britain know the reason


मानसून आने के साथ ही छातों का इस्तेमाल बढ़ जाता है. क्योंकि छाता के जरिए बहुत आसानी से लोग बारिश से बच जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा छाता किस देश में बनता है और इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा कहां पर होता है. आज हम आपको बताएंगे कि छाता का इतिहास कितना पुराना है और किस देश में सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाता है. 

छाता

मानसून के समय छाता इंसानों को बारिश से बचाता है. इंसानों के जीवन में छाता काफी जरूरी है. क्योंकि छाता इंसान को धूप और बारिश दोनों से बचाता है. आज के दौर में बाजार में अलग-अलग रंगों का छाता मौजूद है, जिसका लोग इस्तेमाल करते हैं. कई देशों में लोग छाता हमेशा अपने साथ लेकर सफर करते हैं. 

छाता का इतिहास

बता दें कि छाता को अंग्रेजी में अंब्रेला कहा जाता है. ये अंग्रेजी के शब्द लैटिन भाषा के शब्द अंब्रा से बना है, जिसका अर्थ छाया होता है. आज मौजूदा समय में अधिकांश लोगों के पास छाता मौजूद है, जिसका लोग इस्तेमाल करते हैं. तेज धूप, स्नो फॉल और बारिश दोनों समय में लोग छाता लेकर सफर करते हैं. जानकारी के मुताबिक छाता का इतिहास करीब 4000 साल पुराना है. माना जाता है कि शुरूआत में इसका इस्तेमाल सिर्फ महिलाएं करती थी. सालों पहले मिस्त्र, ग्रीस और चीन जैसे देशों में कई वर्षों धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल किया जाता था. कुछ जगहों पर ये भी माना जाता है कि यूरोप में सबसे पहले यूनानियों ने छाते का इस्तेमाल किया था. वहीं बारिश से बचने के लिए सबसे पहले रोम में इसका इस्तेमाल किया गया था. इतिहासकारों के मुताबिक छाते का इस्तेमाल शुरूआत में धूप से बचने के लिए किया जाता था. बारिश से बचने के लिए छातों का इस्तेमाल बाद में हुआ था. 

छाता का बाजार 

दुनियाभर के सभी देशों में लोग छाता का इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि छाता इंसानों के कपड़ों की तरह की एक जरूरत का सामान है, जिसके जरिए वो धूप, बारिश से खुद को बचा पाते हैं. यूरोप, यूएस, जापान, भारत हर जगह छाता का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर छाता का इस्तेमाल सबसे ज्यादा कहां पर होता है. अब आप सोच रहे होंगे कि छाता का इस्तेमाल तो हर जगह होता है, फिर ज्यादा और कम कैसे पता चलेगा. लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन में सोवेनियर के तौर पर सबसे ज्यादा छाते बिकते हैं. 

ये भी पढ़ें: गौतम गंभीर बतौर सांसद ज्यादा कमाते थे या टीम इंडिया के हेड कोच के तौर पर?



Source link

x