UP News : ऊपर बस, नीचे एकसाथ चलेंगी 4 ट्रेनें, यहां गंगा नदी पर बनेगा सिग्नेचर ब्रिज, जानें सबकुछ – bus truck and 4 trains with 130 KM speed will pass through six lane signature bridge varanasi to be built worth rs 300 crore check details


वाराणसी. वाराणसी को केन्द्र सरकार ने एक और सौगात दी है, जिसमें गंगा नदी पर 100 करोड़ रुपये की लागत से सिग्नेचर ब्रिज शामिल है. इसको केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है. पटना के बाद वाराणसी में बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज में सिक्स लेन की सड़क होगी और ट्रेनों के लिए नीचे चार रेल ट्रैक भी बिछाए जाएंगे. बताया जा रहा है कि इस ट्रैक पर 100 किलोमीटर से ज्यादा रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी. नए पुल की सिक्स लेन सड़क वाराणसी से चंदौली, बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक की राह आसान करेगी. सिग्नेचर ब्रिज जिस काशी स्टेशन से जुड़ेगा. उसके पुनर्विकास के लिए 300 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं.

सिग्नेचर ब्रिज बनारस में बनने वाले देश में अपने ढंग के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्लेटफार्म के तहत ‘परिवहन संगम’ का हिस्सा है. परिवहन संगम स्थल पर रोड, रेल, गंगा में फेरी सर्विस व रोप-वे से पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे, पीडब्लूडी, नगर निगम, जल-कल सभी की एनओसी भी मिल चुकी है. जल्द ही अब काम शुरू होगा.

सिग्नेचर ब्रिज 1887 में बने बनारस के मालवीय पुल वाराणसी के राजघाट के समानान्तर और नए इंटर मॉडल काशी स्टेशन को केंद्र में रखकर बनेगा. दो फ्लोर वाले वर्तमान मालवीय पुल में दो रेलवे ट्रैक और चार लेन की सड़क है. इस पर औसत 25 से 30 की गति से ही ट्रेनें गुजरती हैं. चार साल में बनकर तैयार होने वाला नया ब्रिज मौजूदा राजघाट ब्रिज से ठीक दो गुना होने से एक समय में ज्यादा वाहन फर्राटा भर सकेंगे तो एक समय में अप और डाउन लेन से चार ट्रेनें तीन गुना ज्यादा रफ्तार से आ-जा सकेंगी.

अंग्रेजी हुकूमत में बने राजघाट पुल या फिर मालवीय पुल बनारस की रीड की हड्डी कहलाता है. इस पुल से जहां गंगा उस पर के शहर आसानी से जुड़ते हैं तो वहीं रोजगार के कई विकल्प भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. ऐसे में इसी मार्ग पर एक नया पुल बनारस के विकास को एक और नहीं उचाईं देगा.

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