UP Upchunav: फूलपुर उपचुनाव में चंद्रशेखर और बसपा बिगाड़ेंगे किसका खेल? ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का कितना असर


हाइलाइट्स

फूलपुर उपचुनाव में आसपा और बसपा की वजह से मुकाबला दिलचस्प बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल का दावा है कि बटेंगे तो कटेंगे का नारा हिट है दीपक पटेल का कहना है कि फूलपुर सीट पर बीजेपी की दावेदारी काफी मजबूत

रिपोर्ट अमित सिंह, प्रयागराज: भले ही 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम आए हुए कुछ ही महीने हुए हों लेकिन सियासत की गर्मी से एक बार फिर उत्तर प्रदेश ऊफान पर है. कारण यह कि बीस नवंबर को होने वाले उपचुनाव को प्रमुख पार्टियां 2027 के सेमीफाइनल की तरह देख रही हैं. लोकसभा चुनाव में मिले बंपर सफलता से समाजावादी पार्टी आत्मविश्वास से गदगद है तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी इस बार पीडिए फार्मूले की कलई खुलने की बात जोर शेर से कर रही है.

ऐसे में न्यूज 18 की टीम ने नौ सीटों की सबसे हॉट सीट फूलपुर में पहुचीं, जहां बीजेपी प्रत्याशी ने कटेंगे तो बटेंगे, फूलपुर में गुंडाराज, पीडिए फार्मूला को तोड़ और आजाद समाज पार्टी की भूमिका सहित कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी. खास बात यह है फूलपुर ही वह स्थान है जहां से देश के पहले प्रधानमंत्री ने चुनाव लड़ा था. वर्तमान में दो बार से यह सीट भाजपा के पास ही थी.

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बटेंगे तो कटेंगे का कितना असर
बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल ने बताया कि “बटेंगे तो कटेंगे” बिल्कुल ठीक बात है. इसका असर हर जगह देखने को मिल रहा है. इसका साफ संदेश है कि हमें एकजुट होकर रहना है. परिवार में जब सब एक रहते हैं तो उस ताकत का कोई मुकाबला ही नहीं है. बटनें पर हम सब कई सुविधाओं से कट जातें हैं .

गुंडाराज से मिली मुक्ति, विकास लगातार
दीपक पटेल ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार ने कानून का राज कायम किया है, जिसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है. हम लोगों के बीच विकास को लगातार और आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं. इस सबसे बड़ा उदाहरण फूलपुर रिंग और रेलवे स्टेशन है.

इन तीन मुद्दों पर करेंगे विशेष काम
दीपक ने कहा कि विधायक बनने के बाद चहुंमुखी विकास करना है, लेकिन बालिका शिक्षा, नए महाविद्यालय और खेल परिपाटी को तेजी से आगे बढ़ाना है. हालांकि रोजगार के लिए बड़ी कंपनी को भी लाने का प्रयास रहेगा.

चौकाने वाले हैं विधानसभा और लोकसभा के आंकड़ें
फूलपुर विधानसभा सीट पर दो बार से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. हैट्रिक बनाने के लिए पार्टी ग्राउंड जीरो पर खूब मेहनत कर रही है. आकड़ों पर गौर करें तो चार जून को लोकसभा के परिणाम भी बेहद चौकाने वाले रहे हैं. फूलपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अमरनाथ मौर्य ने लगभग 18000 वोटों की बढ़त हासिल की थी, बावजूद वह लोकसभा का चुनावा हार गए थे. वहीं दूसरी ओर वर्तमान सांसद और पूर्व विधायक प्रवीण पटेल को 2022 विधानसभा चुनाव में महज 2723 वोटों जीत मिली थी. ऐसे में यह आकड़ें इस सीट के उपचुनाव को किसी भी निर्णायक ओर जाने का स्पषट दिशा नहीं देती है.

निर्णायक हो सकते हैं आजाद समाज और बहुजन के वोटर
बीते कुछ दिनों पहले सहसों मलावां में आजाद समाज पार्टी की रैली होती है, जिसमें मुस्लिम और एससी समाज के लोगों की भारी भीड़ देखी गई. आलम ये रहा कि कई घंटों तक रोड जाम रहा. वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी ने एक सर्वण क्षत्रिय प्रत्याशी को उतारकर माहौल बेहद रोमांचक कर दिया है. ऐसे में इलाके के लोगों का मानना हौ कि एक ओर जहां आजाद सामाज पार्टी जहां मुस्लिम वोटों में सेंधामारी कर सकता है तो वहीं दूसरी और बहुजन को जाने वाले क्षत्रिय वोट भी निर्णायक की भूमिका में हो सकते हैं.

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