UPSC Exam Common Mistakes Done By Candidates During Preparation Know Here IAS Success Story
How to crack UPSC: भारत में बड़े पैमाने पर युवा सिविल सर्विस एग्जाम को क्रैक कर अफसर बनने का सपना देखते हैं. लेकिन चंद ही कैंडिडेट्स इस परीक्षा के पहले पड़ाव को पार कर पाते हैं. जबकि मेंस परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की संख्या और भी कम हो जाती है. इसके बाद इंटरव्यू में बहुत सारे अभ्यर्थियों को रिजेक्ट कर दिया जाता है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान कौन सी गलतियां आप पर भारी पड़ सकती हैं, आइए जानते हैं.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि परीक्षा की तैयारी के समय बहुत सारी ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिनकी वजह से उम्मीदवार प्रीलिम्स एग्जाम भी क्लियर नहीं कर पाते हैं. 2019 की सिविल सर्विस परीक्षा में 145वीं रैंक पाने वाले आईएएस अफसर ऋषि आनंद ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह अपने पांचवें एटेम्पट में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम क्रैक करने में सफल हो पाए. जबकि इससे पहले सभी प्रयासों में वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर सके थे.
कब दिया पहला अटेम्प्ट?
झारखंड के रहने वाले ऋषि कुमार ने अपना ग्रेजुएशन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में किया है. कुछ दिन प्राइवेट सेक्टर में काम करने के बाद उन्होंने अपना मन सिविल सर्विस अफसर बनने का बनाया. वह बताते हैं कि उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट साल 2015 में दिया था. उसी साल उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ी थी. इस साल तैयारी अच्छी नहीं हो सकी, जिस कारण प्रारम्भिक परीक्षा भी क्रैक नहीं हो पाई.
भूलकर भी न करें ये गलतियां
साल 2016 में दूसरा प्रयास दिया. इस बार जल्द से जल्द सिलेबस खत्म करने की बात जेहन में थी. तैयारी के लिए कई सोर्स की मदद ली. तैयारी के दौरान टेस्ट सीरीज भी ज्वाइन की. इस दौरान कोचिंग भी ज्वाइन की. लेकिन फिर भी एग्जाम पास नहीं हुआ. जल्द से जल्द नौकरी पाने की चाहत में डेप्थ में जाकर पढ़ाई नहीं की. बड़ी संख्या में सोर्स की मदद ली, जोकि बहुत बड़ी गलती थी. वह सलाह देते हैं कि कैंडिडेट्स लिमिटेड सोर्स से पढ़ाई करें. रिवीजन पर खास फोकस रखें. आप अपने टेस्ट पेपर को एनालाइज करें जो उन्होंने तीसरे प्रयास से पहले नहीं किया था, जिस कारण तीसरी बार भी निराशा हाथ लगी.
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खुद को मोटिवेट करते रहें
तैयारी के दौरान मोटिवेशनल कोट्स का सहारा लिया. सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी के वक्त खुद को मोटीवेट करते रहें. वह सलाह देते हैं कि रिजल्ट चाहे जो भी रहे हमें पूरी लगन से तैयारी करने जब तक अपना गोल हासिल नहीं कर लेते हैं. चौथे एटेम्पट की बात करें तो ये अटेम्प्ट ऋषि कुमार ने साल 2018 में दिया था. लेकिन जब रिजल्ट आया तो लिस्ट में उनका नाम नहीं था, क्योंकि इस बार तैयारी बहुत बेहतर थी. कुछ वक्त पढ़ाई-लिखाई का मन नहीं किया. लेकिन कुछ दिन बाद खुद को फिर से परीक्षा की तैयारी में झोंक दिया.
पांचवें प्रयास में IAS
ऋषि कुमार बताते हैं कि उन्होंने मन बना लिया था कि जब तक इस एग्जाम को क्रैक नहीं कर लूंगा तब तक आराम से नहीं बैठूंगा. उनके पिता ने उन्हें बहुत मोटिवेट किया. इस दौरान परिवार का काफी सपोर्ट मिला. पांचवा प्रयास साल 2019 में दिया. वह बताते हैं कि जब वे परीक्षा देने के लिए घर से निकले तो उन्होंने मन बना लिया था कि इस बार परीक्षा को क्रैक करना ही है. जिसके बाद उन्होंने प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में सफलता पाई.
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