UPSC Story: 73 प्रीलिम्स, 43 मेंस.. 12वीं फेल मनोज शर्मा के रूममेट आज भी कर रहे हैं सरकारी नौकरी की तैयारी


नई दिल्ली (Pushpendra Srivastava UPSC Story). युवाओं में सरकारी नौकरी को लेकर काफी चार्म रहता है. उसकी तैयारी के लिए वह प्रोफाइल में कई सालों का ब्रेक तक लगवा लेते हैं. लेकिन पुष्पेंद्र श्रीवास्तव एक ऐसे शख्स हैं, जो पिछले 28 सालों से प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहे हैं. उन्होंने हार नहीं मानी है. दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर तैयारी कर रहे यूपीएससी एस्पिरेंट्स उन्हें पुष्पेंद्र भइया के नाम से जानते हैं. उनकी कहानी जानकर आपको 12वीं फेल के गौरी भइया जरूर याद आ जाएंगे.

पुष्पेंद्र श्रीवास्तव मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के रहने वाले हैं. वह वहां स्थित गांव बंभौरी में पले-बढ़े हैं. उनके मम्मी-पापा, दोनों टीचर थे. उनके गांव से किसी ने तब तक सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी नहीं की थी. 1995-96 में वह किसी परीक्षा का फॉर्म भरने शहर गए थे. वहां देखा कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी एमपीपीएससी के फॉर्म भी आए हैं. उन्होंने फॉर्म भर दिया और पहले ही प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा पास भी कर ली. इस बीच उनका बीएड भी क्लियर हो गया था.

स्टेट प्रीलिम्स से बढ़ा कॉन्फिडेंस
एमपीपीएससी परीक्षा पास कर लेने से उनका कॉन्फिडेंस बढ़ गया था. उनको लगा कि जब स्टेट प्रीलिम्स आसानी से निकल गया तो यूपीएससी की तैयारी करने में क्या हर्ज है. इसके लिए उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर शिफ्ट हो गए. तब इलाहाबाद को ही सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी का हब माना जाता था. इस बीच उन्होंने मैथमैटिक्स में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल कर ली थी. हालांकि वह मानते हैं कि अगर तब किसी ने गाइड कर दिया होता तो वह बैचलर्स के बाद ही सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट जाते.

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फिर दिल्ली की पकड़ी राह
1997-98 तक दिल्ली का मुखर्जी नगर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी खास पहचान बना चुका था. तब दिल्ली में इंग्लिश मीडियम का बोलबाला था. उस वक्त एस्पिरेंट्स को 4 ही अटेंप्ट मिलते थे. जनरल कैटेगरी वालों के लिए यूपीएससी एज लिमिट 30 साल थी. अब तो 6 अटेंप्ट मिलते हैं और 32 साल की उम्र तक UPSC परीक्षा दे सकते हैं. वह हर बार यूपीएससी प्रीलिम्स में पास हो जाते थे, लेकिन मेंस या इंटरव्यू में असफल हो जाते थे.

एज लिमिट पूरी होने पर स्टेट परीक्षा की तैयारी
पुष्पेंद्र श्रीवास्तव की उम्र 48 साल है. जब यूपीएससी के उनके अटेंप्ट पूरे हो गए तो उन्होंने फिर से स्टेट लेवल की परीक्षाएं देना शुरू किया. वह आईएएस बनना चाहते थे लेकिन उनका यह सपना बिखर गया. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. कई बार ऐसा भी हुआ कि एक परीक्षा का मेंस क्लियर होता तो दूसरे के प्रीलिम्स की तारीख आ जाती. पास होने और सरकारी नौकरी के इंतजार में पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने अब तक शादी भी नहीं की. वह सफल होने के बाद ही जिंदगी का नया पड़ाव शुरू करना चाहते हैं.

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बुरे दौर से हुआ सामना
इन 27-28 सालों में उनकी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए. उनकी दोनों बहनों और पिता की मौत हो गई. फिर उनके छोटे भाई ने उन्हें हौसला दिया. उसने गांव का कार्यभार संभाला और पुष्पेंद्र को दिल्ली में रहकर परीक्षा की तैयारी करने के लिए मोटिवेट किया. इस बीच पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने कुछ कोचिंग सेंटर में नौकरी भी की. लेकिन फिर उन्हें अहसास हुआ कि इससे उनका समय बंट रहा था और वह पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में ही जुट गए.

इनके साथ वाले हुए गजब सफल
मुखर्जी नगर में हर कोई पुष्पेंद्र श्रीवास्तव को जानता है. अब वही उनके लिए घर बन चुका है. मशहूर शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) और 12वीं फेल के तौर पर मशहूर आईपीएस मनोज कुमार शर्मा उनके रूममेट रह चुके हैं (12th Fail Manoj Sharma). पुष्पेंद्र खुद बताते हैं कि उनके साथ तैयारी कर चुके ज्यादातर लोग सफल हो चुके हैं. उनकी तुलना 12वीं फेल मूवी के गौरी भइया से की जाती है. वह अक्सर लोगों को अपने फोन में आईपीएस मनोज शर्मा की फोटोज़ दिखाते रहते हैं.

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ओवरएज होने पर भी कैसे दे रहे हैं परीक्षा?
पुष्पेंद्र शर्मा की कहानी सुनने वाला हर शख्स चकित रह जाता है. इस साल वह एमपीपीएससी का जो इंटरव्यू देने जा रहे हैं, वह मौका उन्हें कोरोना की वजह से मिला है. यह बड़ा सच है कि देश के कई राज्यों में 5 से 10 साल तक स्टेट पीसीएस की किसी भी पोस्ट के लिए एग्जाम ही नहीं होते हैं. जैसे- बीपीएससी 2010 की एक पोस्ट के लिए अब तक परीक्षा नहीं हुई है. तब जिन लोगों ने भी आवेदन किया था, उस वक्त की उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें अब भी मौका दिया जाएगा.

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