UPSC Success Story : मजदूर का बेटा बना अफसर, 24 साल की उम्र में पास की UPSC, रसोई को स्टडी रूम में बदला


UPSC Success Story : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 रिजल्ट आने के बाद से मध्य प्रदेश का छोटा सा गांव ईशपुर खास हो गया है. गांव के एक दो कमरे के मामूली से खपरैल घर से एक 24 वर्षीय लड़के ने देश की सबसे कठिन परीक्षा पास की है. 24 साल के नीलेश अहिरवार ने यूपीएससी 2023 परीक्षा 916 रैंक से पास करके एक मिसाल पेश की है. उनकी इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता की भी कड़ी महनत है.

नीलेश के पिता रामदास गांव में ही राज मिस्त्री का काम करते हैं और मां हाउस वाइफ हैं. दलित समाज से आने वाले नीलेश की सफलता पर उनके माता-पिता के साथ पूरे गांव को गर्व है.

गांव के प्राइमरी में की पढ़ाई

नीलेश की कहानी एक आम गांव वाले बच्चे की कहानी है. नीलेश शुरुआती पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से की. इसके बाद नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए तवानगर मॉडल स्कूल में दाखिला लिया. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने 2020 में महात्मा गांधी ग्रामोद्योग यूनिवर्सिटी चित्रकूट से एग्रीकल्चर में बीटेक किया.

गांव में रहकर शुरू की यूपीएससी की तैयारी

बीटेक के बाद नीलेश गांव लौट आए और घर पर रहकर ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. दो कमरे के छोटे घर में पढ़ने के लिए उन्होंने रसोई घर को ठिकाना बनाया. यहां टेबल-कुर्सी लगाकर उसे अस्थायी स्टडी रूम में बदला. गर्मी में तपती टिन की छत और चूल्हे की गर्मी को सहन करते हुए वे पढ़ाई में लगे रहे. नतीजन काफी मेहनत के बाद भी यूपीएससी 2021 और 2022 का प्रीलिम्स एग्जाम पास नहीं कर सके.

यूपीएससी मेन्स की तैयारी के लिए गए दिल्ली

यूपीएससी में लगातार दो बार लगे झटके के बाद वह तैयारी के लिए भोपाल चले गए. यहां उनकी तैयारी रंग लाई और तीसरे अटेम्पट में प्रीलिम्स क्रैक कर गए. इसके बाद वह मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली में अपने दोस्त बिपुल गर्ग और लीलेश के पास शिफ्ट हो गए. यहां उन्होंने तीन महीने दिन-रात एक करके पढ़ाई की. जिसके बाद मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू पास कर गए. फाइन नतीजे में नीलेश की 916 रैंक आई.

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