Upsc success story of IPS anukriti sharma who left job of NASA to prepare for UPSC Exam


UPSC Success Story: दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो इतने दृढ़ इच्छा श​क्ति वाले और हिम्मती होते हैं कि वह अपने चल रहे करियर में रिस्क लेकर कुछ नया कर सफलता पाने का साहस कर सकते हैं. ऐसी ही एक जुझारू महिला है अनुकृति शर्मा जिनकी कहानी अच्छी नौकरी और मोटी सैलरी के बावजूद यूपीएससी की परीक्षा देने की तमन्ना दिल में दबाए बैठे युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है.

 

मूल रूप से राजस्थान के अजमेर की रहने वाली अनुकृति शर्मा 2020 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. अनुकृति ने जयपुर के इंडो भारत इंटरनेशनल स्कूल से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद कोलकाता स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च से बीएसएमएस की डिग्री हासिल की.

 

 

पीएचडी के दौरान नासा ने दी नौकरी

2012 में वह पीएचडी करने के लिए अमेरिका के हयूस्टन टेक्सास स्थित राइस यूनिवर्सिटी चली गईं. पीएचडी करने के दौरान ही उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन जिसे लोग नासा के नाम से भी जानते हैं, उसकी तरफ से ज्वालामुखियों पर रिसर्च करने के लिए एक नौकरी का ऑफर आ गया. 50 लाख रुपए सालाना के पैकेज वाली इस नौकरी के साथ ही उनका अमेरिका में नौकरी का सफर शुरू हो गया.

 

देश की मिट्टी ले आई भारत वापस

हालांकि देश की मिट्टी से जुड़े रहने की चाह ने उन्हें 2014 में फिर भारत पहुंचा दिया जहां उन्होंने न सिर्फ नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट जूनियर रिसर्च फैलोशिप जेआरएफ एग्जाम में बैठने के लिए मना लिया ब​ल्कि इस एग्जाम में वह 23वें पायदान पर रहीं.

 

 

बनारस में शुरू हुआ यूपीएससी का सफर

जेआरएफ के दौरान उनका और उनके पति वैभव का मन देश की प्रति​ष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की उस परीक्षा पर जाकर अटक गया जिसे देकर देश में आईएएस-आईपीएस जैसी प्र​ति​ष्ठित सेवा में जाया जा सकता है. दोनों ने बनारस में रहकर एक दूसरे का साथ देते हुए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की. हालांकि 2015 में अनुकृति पहली और दूसरी बार कुछ कमाल नहीं कर पाईं.

 

असफलता नहीं रोक पाई कदम

पहले दो प्रयास में असफल रहने के बाद भी अनुकृति नहीं रुकीं. तैयारी कर तीसरे प्रयास इंटरव्यू तक पहुंच गईं. हालांकि वह अफसर नहीं बन सकीं. 2018 में अपने चौथे प्रयास के दौरान अनुकृति ने ऑल इंडिया 355वीं रैंक हासिल कर भारतीय राजस्व सेवा आईआरएस में अपनी जगह पक्की कर ली. हालांकि उनके मन में आईएएस या आईपीएस बनने की इच्छा हिचकोले खा रही थी.

 

2020 में पहुंची मुकाम पर​

छह साल तक तैयारी और परीक्षा के समंदर को पार करने की को​शिश कर रही अनुकृति ने 2020 में अपना पांचवा अटेंप्ट दिया और इस बार भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी बन गई. वर्तमान में अनुकृति असिस्टेंट एसपी एएसपी बुलंदशहर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं, जबकि उनके पति वैभव दिल्ली के एक नामी कोचिंग इंस्टिट्यूट में टीचर के तौर पर यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों की नींव मजबूत कर रहे हैं.

 

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