UPSC Success Story of specially abled IAS Ramesh Gholap know story


UPSC Success Story: आपकी सफलता कभी न गिरने में नहीं, है बल्कि गिरकर उठने में है. जब कोई बात आपके बस की नहीं है, ऐसा लोग कह रहे होते है. तभी वह कर के दिखाने में असली मजा होता है. दोस्तों, “मेहनत करना मत छोड़ो. प्रयास जारी रखो…सफलता जरूर मिलेगी. ये विचार देश के तेज-तर्रार आईएएस रमेश घोलप के हैं.

रमेश घोलप की आईएएस बनने की कहानी असामान्य सी लगती है. यह असामान्य इसलिए है, क्योंकि रमेश को सफलता सिर्फ इसलिए नहीं मिली, क्योंकि उन्होंने सही मार्ग, शिक्षकों और स्ट्रेटेजी को चुना. उन्हें यह सफलता इसलिए मिली क्योंकि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी. ऐसी परिस्थितियां जो कमजोर दिल वाले लोगों को भी हार मानने पर मजबूर कर देतीं.

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के छोटे से गांव महगांव निवासी रमेश का बचपन बेहद तंगी और अभावों में बीता था. कम उम्र में ही पिता का साया सिर से हट गया. जीवनयापन के लिए मां के साथ सड़कों पर चूड़ियां बेचने का काम किया. इतना कम नहीं था कि पोलिया ने उनका पैर भी छीन लिया. इन परिस्थितियों के बावजूद रमेश घोलप ने कभी हार नहीं मानी. अपने दृढ़निश्चय और मेहनत के चलते 2012 में सिविलज सेवा परीक्षा में 287वां स्थान हासिल किया.

प्रेरणादायक है रमेश की यात्रा

आईएएस अफसर रमेश घोलप ने अपनी प्रारंभिक पढाई अपने गांव से ही प्राप्त की है, जिसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अपने चाचा के घर चले गए. रमेश के चाचा के घर से उनके घर तक के उस समय केवल सात रुपये लगते थे, लेकिन विकलांग होने के चलते उनका दो रुपये ही किराया लगता था. मगर आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि उनके पास दो रुपये तक नहीं थे. 12वीं की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद उन्होंने डिप्लोमा में दाखिला लिया. इसके बाद उन्होंने शिक्षक के तौर पर पढ़ाना शुरू कर दिया. पढ़ाने के दौरान उन्होंने बीए की डिग्री भी प्राप्त की.

पहले प्रयास में मिली थी असफलता

इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया और उन्होंने  महीने के लिए अपनी नौकरी भी छोड़ दी. साल 2010 में पहली बार यूपीएससी का प्रयास किया, लेकिन इसमें वह असफल रहे. फिर उनकी मां ने गांव के लोगों से कुछ पैसे उधार लिए और उन्हें पढ़ाई करने के लिए बाहर भेज दिया. पुणे जाने के बाद उन्होंने बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी शुरू की. साल 2012 में सिविल सर्विस परीक्षा क्रैक की. इस एग्जाम में उन्होंने 287 रैंक हासिल की थी. विकलांग कोटा के तहत रमेश घोलप आईएएस कैटेगरी मिल गई.

Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI



Source link

x