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Vande Bharat Train Total Cost: साल 2019 में देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन संचालित की गई थी. वंदे भारत एक्सप्रेस देश की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन गिनी जाती है. अब तक बात की जाए तो भारत में कुल 136 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें पटरियों पर दौड़ रहीं हैं. वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की है.

देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन वाराणसी से लेकर नई दिल्ली के रूट पर चली थी. अब भारत के लगभग हर एक राज्य में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन संचालित की जा रही है.  वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों को बहुत सी सुविधाएं मिलती हैंं जो कि उन्हें सामान्य ट्रेनों में नहीं मिलती. एक वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने में सरकार के कितने रुपये होते हैं खर्च. चलिए आपको बताते हैं. 

एक वंदे भारत चलाने में खर्च होते हैं इतने करोड़ रुपये

वंदे भारत ट्रेन भारत की तेज रफ्तार प्रीमियम ट्रेन है. इसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जाता है. एक वंदे भारत ट्रेन के बनाने में कुल 130 करोड़ से ज्यादा का खर्च आता है. इसके अलावा ट्रेन चलाने के लिए और भी खर्च होते हैं. वंदे भारत ट्रेन इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर चलती है. जिसमें 1 किलोमीटर चलने के लिए लगभग 2000 से 2500 रुपये तक खर्च होते हैं. यानी अगर वंदे भारत ट्रेन 500 किलोमीटर का सफर तय करती है.

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तो बिजली का ही खर्च 10 से 12 लाख रुपये तक का हो जाता है. इसके अलावा ट्रेन को संचालित करने वाले  स्टाफ की सैलरी और पूरे प्रबंधन के लिए भी साल में तकरीबन दो-तीन करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं. तो वंदे भारत ट्रेन के रखरखाव पर सालाना 10 से 12 करोड़ रुपये तक खर्च हो जाते हैं इसमें ट्रेन की सफाई, मरम्मत और  टेक्निकल अपग्रेडेशन शामिल हैं. 

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 वंदे भारत से मिलता है अच्छा खासा रेवेन्यू 

वंदे भारत ट्रेन के निर्माण के बाद उसके परिचालन में, उसके रखरखाव में हर साल करोड़ों रुपये की लागत है.  क्योंकि ट्रेन प्रीमियम सुविधाओं से लैस होती है. इसलिए सामान्य ट्रेनों के मुकाबले इसके लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं. हालांकि भारत सरकार वंदे भारत से अच्छा खासा रेवेन्यू भी जनरेट करती है. हालांकि इसके रेवेन्यू की जानकारी रेलवे की ओर से अलग से जारी  नहीं की जाती. लेकिन बता दें सामान्यतः वंदे भारत ट्रेन की 92% सीटें बुक होती हैं. इस लिहाज से कह सकते हैं ट्रेन से रेलवे को काफी अच्छा राजस्व मिल जाता है. 

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