Vikas dubey: विकास दुबे जब पुलिस वालों को मार रहा था तो मनु, खुशी और रेखा कर रहीं थी ये घिनौना काम

Vikas dubey: चार्जशीट में पुलिस का दावा, बदमाशों का साथ देने के मिले साक्ष्य

बिकरू कांड में मनु पांडेय उर्फ वर्षा ने बदमाशों का सहयोग किया था। पुलिस को इसके पुख्ता साक्ष्य मिले हैं पर इनकी पुष्टि बाकी है। मनु का आरोपी बनना लगभग तय हो गया है। हालांकि पुलिस ने चार्जशीट में जिस तरह के तथ्य मनु के बारे में दर्ज किए हैं, उससे एक बात तो साफ हो गई कि पुलिस ने दोहरा खेल खेला है।

न सीधा आरोपी बनाया है और न ही उसे क्लीन चिट दी। जो तथ्य दिए हैं, उससे क्लीन चिट देना भी संभव नहीं है। बिकरू निवासी मनु के घर पर ही डीएसपी देवेंद्र मिश्र को मारा गया था। घर की चौखट पर तीन अन्य पुलिसकर्मियों की हत्या की गई थी। वारदात के बाद मनु के फोन कॉल रिकॉर्डिंग के कई आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।

जिससे पर्दाफाश हुआ था कि मनु भी साजिश में शामिल है। मगर पुलिस ने उसको आरोपी नहीं बनाया। पुलिस की चार्जशीट में लिखा है कि मनु के खिलाफ जो साक्ष्य मिले हैं, उससे साबित हो रहा है कि उसने घटना में साथ दिया। विवेचना जारी है। साक्ष्यों की पुष्टि की जा रही है। 

आखिर अब तक क्या कर रही थी पुलिस 
वारदात को तीन महीने बीत गए हैं। इसके बावजूद पुलिस का कहना है कि मनु के खिलाफ साक्ष्य तो हैं लेकिन उसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है। इस पर पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। तीन महीने के दौरान आखिर पुलिस साक्ष्यों की पुष्टि क्यों नहीं कर सकी। ये भी सवाल है कि कहीं पुलिस मनु को बचा तो नहीं रही है। 

बचाने के बजाए महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को मरवाया
पुलिस ने मामले में चार महिलाओं को जेल भेजा है। चार्जशीट में पुलिस ने लिखा है कि जब पुलिसकर्मी जान बचाने को इधर-उधर भाग रहे थे और घरों में जाकर छिप गए थे तो इन महिलाओं ने फोन के माध्यम से बदमाशों को सूचना दी। सूचना पाकर बदमाश वहां पहुंचे और पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून डाला। 

पुलिस ने चार्जशीट में मनु को लेकर जिन तथ्यों का जिक्र किया है, उससे पुलिस उसको गवाह नहीं बना सकी है। मनु के खिलाफ साक्ष्य हैं। सवाल है कि आखिर पुलिस अब तक साक्ष्यों की पुष्टि क्यों नहीं कर पाई। पुलिस की विवेचना में कई खामी हैं। साक्ष्य गढ़े गए हैं। 
शिवाकांत दीक्षित, एडवोकेट

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