Violence In Manipur Has Deeply Hurt The Soul Of The Country: Sonia Gandhi – मणिपुर की हिंसा ने देश की आत्मा पर गहरा आघात किया है : सोनिया गांधी
नई दिल्ली:
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मणिपुर में हिंसा पर दुख जताते हुए बुधवार को कहा कि इसने राष्ट्र की अंतरात्मा पर गहरा आघात किया है. उन्होंने प्रदेश के लोगों से शांति एवं सौहार्द की अपील की और उम्मीद जताई कि मणिपुर के लोग इस त्रासदी से उबरेंगे. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मणिपुर के प्रिय भाइयों और बहनों, पिछले लगभग 50 दिनों से हम मणिपुर में एक बड़ी मानवीय त्रासदी देख रहे हैं. इस हिंसा ने आपके राज्य में हजारों लोगों का जीवन उजाड़ दिया है.उन्होंने कहा कि इस घटना ने राष्ट्र की अंतरात्मा पर एक गहरा आघात किया है.
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उनका कहना था कि मेरी उन सभी के प्रति गहरी संवेदना हैं जिन्होंने इस हिंसा में अपनों को खोया है. मुझे यह देखकर बेहद दुख होता है कि लोग उस जगह को छोड़कर जाने के लिए मजबूर हैं जिसे वे अपना घर कहते हैं. अपने जीवन भर का बनाया हुआ सब कुछ पीछे छोड़ जाते हैं. शांतिपूर्वक एक दूसरे के साथ रहने वाले हमारे भाई-बहनों को एक-दूसरे के खिलाफ होते देखना बहुत दुखद है.
सोनिया गांधी के मुताबिक कि मणिपुर के इतिहास में विभिन्न जाति, धर्म और पृष्ठभूमि के लोगों को गले लगाने की शक्ति और क्षमता है. यह एक विविध समाज की संभावनाओं का प्रमाण है. भाईचारे की भावना को जिंदा रखने के लिए विश्वास और सद्भावना की जरूरत होती है, वहीं नफरत और विभाजन की आग को भड़काने के लिए सिर्फ एक गलत कदम की.
उन्होंने कहा कि आज हम एक निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं. किसी भी राह पर चलने का हमारा चुनाव एक ऐसे भविष्य को आकार देगा जो हमारे बच्चों को विरासत में मिलेगा. मैं मणिपुर के लोगों, विशेष रूप से अपनी बहादुर बहनों से यह अपील करती हूं कि वे इस खूबसूरत धरती पर शांति और सद्भाव की राह का नेतृत्व करें. एक मां के रूप में मैं आपके दर्द को समझती हूं. मैं आप सभी से यह निवेदन करती हूं कि अपनी अंतरात्मा की आवाज को पहचानें. मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हम परस्पर विश्वास का मजबूती से पुनर्निर्माण करेंगे.
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मुझे मणिपुर के लोगों से बहुत उम्मीदें हैं और उनके ऊपर बहुत विश्वास है. मैं जानती हूं कि हम सभी मिलकर यह परीक्षा की घड़ी भी पार कर लेंगे. मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच एक महीने पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं.