Vladimir Putin & US President Donald Trump Nuclear Briefcase Here Know Complete Facts In Details
Vladimir Putin & Donald Trump Nuclear Briefcase: आपने देखा होगा कि भारत समेत अन्य बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष कहीं होते हैं तो उनके साथ कुछ विशेष लोगों की एक टीम हमेशा साथ रहती है. अगर आपने गौर किया होगा तो जरूर देखा होगा कि इन टीम के पास एक ब्रीफकेस होता है. इस ब्रीफकेस के बारे में तरह-तरह की बातें कही जाती है. इसको लेकर दावा किया जाता है कि अगर ये दब जाए तो कुछ ही मिनटों में परमाणु हमला हो जाएगा, लेकिन इन बातों में कितनी सच्चाई है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन के बारे में कहा जाता है कि ये दोनों अपना खाना-पीना तक भूल सकते हैं, लेकिन यह ब्रीफकेस साथ रखना भूल नहीं सकते. आज हम आपको इस ब्रीफकेस की सच्चाई से रूबरू करवाएंगे.
ये भी पढ़ें-
मौत के बाद काट दी गई थी नेपोलियन बोनापार्ट के शरीर की यह चीज, किस वजह से हुआ था ऐसा?
मिनटों में दुनिया तबाह कर सकता है यह ब्रीफकेस!
अमेरिकी सिस्टम में परमाणु हथियार इस्तेमाल करने का आदेश केवल देश का राष्ट्रपति दे सकता है. इसके अलावा किसी अन्य के पास यह अधिकार नहीं होता है. लिहाजा, अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ जो स्पेशल टीम होती है, उसके पास हमेशा परमाणु ब्रीफकेस होता है. इसे न्यूक्लियर फुटबॉल के नाम से भी जाना जाता है. आपको बताते चलें कि काले रंग का चमड़े का ये ब्रीफकेस दिखने में भले ही साधारण लग सकता है, लेकिन इसके अंदर ख़ास तरह के उपकरण लगे होते हैं. इससे एक आदेश मिलने पर मिनटों में ही परमाणु मिसाइल लॉन्च किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें-
दुनिया में किस देश के पास है सबसे बड़ी सेना, किस नंबर पर आता है अपना भारत?
रूस के राष्ट्रपति के पास भी होता है न्यूक्लियर ब्रीफकेस
वहीं, रूस के बारे में कहा जाता है कि उसके पास परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा ज़खीरा है. फेडेरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के रिपोर्ट की मानें तो रूस के पास 5977 परमाणु हथियार हैं. वहीं अमेरिका के पास 5428 और चीन के पास 350 परमाणु हथियार है. रूस के राष्ट्रपति के पास भी न्यूक्लियर मिसाइलों के कोड वाला न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं सोते वक्त भी यह ब्रीफकेस उनसे 10-20 मीटर के दायरे में ही रखा होता है.
ये भी पढ़ें-
शूट करते ही कितनी देर में चीन पहुंच जाएगी भारत की अग्नि-5 मिसाइल? खुद ही जान लें जवाब