Water Pollution: नगर निगम की लापरवाही से अरपा नदी में हाई लेवल का प्रदूषण, गंभीर स्थिति को लेकर हाई कोर्ट ने लगाई फटकार


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Water Pollution: बिलासपुर शहर की अरपा नदी, जो कभी स्थानीय लोगों के लिए जीवनदायिनी थी, अब प्रदूषण और प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है. नगर निगम क्षेत्र के करीब 70 नाले और नालियों का गंदा पानी बिना किसी ट्रीटमेंट के नदी में छोड़ा जा रहा…और पढ़ें

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बिलासपुर

बिलासपुर में नालों का गंदा पानी बना अरपा नदी के प्रदूषण का कारण.

बिलासपुर. बिलासपुर शहर की अरपा नदी, जो कभी स्थानीय लोगों के लिए जीवनदायिनी थी, अब प्रदूषण और प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है. नगर निगम क्षेत्र के करीब 70 नाले और नालियों का गंदा पानी बिना किसी ट्रीटमेंट के नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे न केवल नदी का साफ पानी बल्कि आसपास का भूजल भी दूषित हो चुका है. हाई कोर्ट ने इस गंभीर स्थिति पर नाराजगी जताई है और नगर निगम से ठोस कदम उठाने की मांग की है. स्थानीय संगठनों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस उपाय नहीं किए गए, तो अरपा नदी और बिलासपुर के जल स्रोतों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है.

70 नालों का गंदा पानी, नदी की सेहत पर बड़ा खतरा
अरपा नदी में नगर निगम के 70 नालों का गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट के छोड़ा जा रहा है. इस कारण नदी का प्राकृतिक जल पूरी तरह से दूषित हो चुका है. हाई कोर्ट ने इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम से जवाब मांगा है. अदालत ने इस बात पर जोर दिया है कि नदी का यह प्रदूषण भूजल की गुणवत्ता को भी खराब कर रहा है.

करोड़ों खर्च, फिर भी नतीजा शून्य
अरपा को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. बावजूद इसके, समस्या जस की तस बनी हुई है. अरपा अर्पण महा अभियान के संस्थापक श्याम दुबे के मुताबिक, पहले लगाए गए ट्रीटमेंट प्लांट अब बंद पड़े हैं. नदी का पानी पूरी तरह से दूषित हो चुका है. यहां तक कि पूजा और अन्य कार्यक्रमों में भी लोग गंदा पानी इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.

अरपा का अस्तित्व खतरे में
अरपा अर्पण के मनीष का कहना है कि नदी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रशासन को सख्ती से कदम उठाने होंगे. कचरा और जलकुंभी को हटाना और गंदे पानी के ट्रीटमेंट की व्यवस्था करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर यह समस्या जारी रही, तो बिलासपुर शहर को जल्द ही पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा.

प्रशासन और नागरिकों की संयुक्त जिम्मेदारी
नदी को बचाने के लिए केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि शहरवासियों को भी आगे आना होगा. नागरिकों द्वारा नदी में कचरा फेंकने की आदत को बदलना होगा. यदि सभी मिलकर प्रयास करें और नदी को बचाने का संकल्प लें, तो अरपा में स्वच्छ जल बनाए रखा जा सकता है. अरपा नदी को बचाने के लिए ठोस और दीर्घकालिक समाधान अपनाने की आवश्यकता है. प्रशासन, स्थानीय संगठन और नागरिकों के सामूहिक प्रयास से ही नदी का पुनर्जीवन संभव है. समय रहते यदि उचित कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में बिलासपुर शहर को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ेगा.

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70 नालों का गंदा पानी बना अरपा नदी के प्रदूषण का कारण, भूजल भी हुआ दूषित



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