Weightlifting: मीराबाई चानू एक किलो वजन के चलते मेडल चूकीं, आखिरी लिफ्ट में फेल ना होतीं तो ब्रॉन्ज पक्का था…


नई दिल्ली. भारत की मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक में एक किलोग्राम वजन से मेडल चूक गई हैं. मीराबाई चानू वेटलिफ्टिंग के 49 किग्रा वर्ग में चौथे स्थान पर रहीं. उनकी हार के साथ ही वेटलिफ्टिंग में मेडल जीतने की भारत की उम्मीद खत्म हो गई है. मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक में भारत की अकेली वेटलिफ्टर थीं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था.

29 वर्षीय मीराबाई चानू ने पेरिस ओलंपिक में कुल 199 किलो का वजन उठाया. इस वजन के साथ वे चौथे नंबर पर रह गईं. उनसे ज्यादा वजन सिर्फ तीन वेटलिफ्टर ने उठाए. थाईलैंड की सुरोचना खाम्बो ने 200 किलो वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता. अगर मीराबाई एक किलो वजन और उठा लेतीं तो उनके और सुरोचना के बीच टाई हो जाता. टाई होने पर वेटलिफ्टर का वजन देखा जाता है. जिसका वजन कम होता है उसे मेडल मिलता है.

स्नैच में 88 और क्लीन एंड जर्क में 111…
मणिपुर की मीराबाई चानू ने स्नैच में पहले प्रयास में 85 किलो वजन उठाया. दूसरे प्रयास में वे नाकाम रहीं और तीसरे प्रयास में 88 किलो वजन उठाया. क्लीन एंड जर्क में मीराबाई चानू अपने तीन में से दो प्रयास में नाकाम रहीं. उन्होंने पहले 111 किलो वजन उठाने का प्रयास किया लेकिन ऐसा नहीं कर सकीं. मीराबाई ने दूसरा प्रयास 111 किलो का ही लिया और इस बार कामयाबी से यह वजन उठा लिया.

तीसरे स्थान पर आने के लिए रिस्क
स्नैच में 88 किलो और क्लीन एंड जर्क में 111 किलो वजन उठाने के बाद मीराबाई चानू चौथे स्थान पर चल रही थीं. उन्हें तीसरे स्थान के लिए क्लीन एंड जर्क में वजन बढ़ाना जरूरी था. उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में 114 किलो वजन उठाना तय किया, लेकिन पहले प्रयास की तरह इस बार भी नाकाम रहीं. तीसरे प्रयास की नाकामी के चलते उनका ओलंपिक में लगातार दूसरा मेडल जीतने का सपना टूट गया.

ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ जीता गोल्ड
चीन की झिहूई होऊ ने ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ इस कैटेगरी का गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने कुल 206 किलो वजन उठाया. चीनी वेटलिफ्टर ने क्लीन एंड जर्क में 117 किलो वजन उठाया, जो ओलंपिक रिकॉर्ड है. रोमानिया की मिहेला वैलेंतिना काम्बेई ने इस कैटेगरी का सिल्वर मेडल अपने नाम किया. उन्होंने कुल 205 किलो वजन उठाया.

इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक में 7 अगस्त, बुधवार को मेडल जीतने जीतने की भारत की उम्मीद टूट गई. भारत को इस दिन शुरुआत से ही झटके लगे. पहले विनेश फोगाट 100 ग्राम ज्यादा वजन के चलते डिसक्वालीफाई हो गईं. विनेश फाइनल में पहुंच चुकी थीं और देश को उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद थी. लेकिन 100 ग्राम ज्यादा वजन ने उन्हें मुकाबले में भी नहीं उतरने दिया. इसके बाद अंतिम पंघाल अपना पहला ही मैच हार गईं. 3000 मीटर स्टीपलचेज में अविनाश साबले 11वें स्थान पर रह गए.

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