West Bengal Panchayat Elections TMC Leader Madan Mitra Reaction After Calcutta High Court Central Forces Order We Are Ready To Make Sacrifices
West Bengal Panchayat Elections: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से ठीक पहले माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है. नामांकन के दौरान लगातार हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं और खुलेआम गोलियां चल रही हैं. हाल ही में नामांकन के दौरान तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसी बीच कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से राज्य चुनाव आयोग को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मदद लेने के निर्देश दिए गए. केंद्रीय बलों की तैनाती वाले निर्देश के बाद अब इसे लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. टीएमसी के नेता मदन मित्रा ने कहा कि हमारी पार्टी हर मुश्किल का सामना करेगी और केंद्रीय बलों की यातना सहने के लिए भी तैयार है.
पश्चिम बंगाल को नहीं मिल रहा पैसा- टीएमसी नेता
तृणमूल कांग्रेस के नेता मित्रा ने इस दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती पर खर्च होने वाले पैसे को लेकर भी सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को विकास कार्यों के लिए केंद्र की तरफ से एक पैसा भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल के लोग ममता बनर्जी के साथ हैं. मैं नहीं जानता कि इन केंद्रीय बलों पर कितने हजारों करोड़ खर्च किए जाएंगे, लेकिन पश्चिम बंगाल के विकास के लिए एक पैसा भी नहीं मिल रहा है. ये कोर्ट का फैसला है, सभी को इसे स्वीकार करना होगा. लेकिन ये भूलना गलत है कि फैसला और वोटिंग लोग करेंगे.”
टीएमसी नेता मदन मित्रा ने आगे कहा कि हम अपना खून देने और कुर्बानी के लिए भी तैयार हैं, लेकिन हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे. चाहे हमें अपनी जान तक देनी पड़े, लेकिन हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि टीएमसी जीते…हम केंद्रीय बलों की यातना के लिए तैयार हैं.
पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा
पंचायत चुनावों का प्रचार शुरू होते ही पूरे पश्चिम बंगाल से हिंसा की खबरें सामने आने लगीं. गुरुवार 15 जून को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था, इस दिन सबसे ज्यादा हिंसा देखने को मिली. राज्य के कई इलाकों में हिंसा और आगजनी हुई, जिसमें तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष पर आरोप लगाया और कहा कि हिंसा को अंजाम देकर राज्य को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. ममता ने कहा कि हिंसा की घटनाओं में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की कोई भी भूमिका नहीं है. वहीं बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दलों ने हिंसा को लेकर ममता सरकार को जमकर घेरा.
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