What are the provisions regarding land donated in land survey know all details


बिहार में पटना से लेकर तमाम राज्य में सर्वे का काम किया जाना है. इसके लिए कई इलाकों में सर्वे को लेकर ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है. लोगों में जागरुकता फैलाई जा रही है. अबतक सरकार द्वारा इसके लिए 23 हजार से ज्यादा ग्राम सभा का आयोजन किया जा चुका है. दरअसल बिहार में जमीन सर्वे के पीछे मुख्य कारण ये है कि बिहार सरकार को लगता है कि ज्यादातर अपराध का कारण जमीन विवाद ही हैं.

बिहार में पूरी भूमि का सर्वे किया जाएगा. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर दान में मिली जमीन को लेकर क्या प्रावधान है? चलिए जान लेते हैं.

दान में मिली जमीन के लिए क्या है प्रावधान?

बता दें बिहार के कई गांवों में दान में जमीन देने की प्रथा है. लोग अपने पुरोहित को और भांजे को दान में जमीन देते हैं. इसके अलावा कई लोग बेटियों को भी जमीन का दान देते हैं. ऐसी जमीन के कई बार कागजात नहीं होते हैं. ऐसे में लैंड सर्वे में दान करने वाले परिवार के पाले में पूरी तरह मामला चला जाएगा. यदि वो परिवार अपने आप को उस जमीन से अलग कर लेता है, तब जाकर दान में मिली जमीन का स्वामित्व किसी अन्य व्यक्ति को मिल जाएगा.

विशेषज्ञों की मानें तो जिसने दान दिया है, उसे कागजात दिखाने होंगे. हिंदू लॉ में ओरल डोनेशन का कोई प्रावधान नहीं है. यदि दान देने वाला परिवार बात से हट जाए, तो लोगों को इसके लिए समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इस स्थिति में जमीन मालिक को पहले से अपने दानदाता से संपर्क करना चाहिए. उन्हें इस बात के लिए राजी करना होगा कि वो दावेदारी से हट जाएं.                                                                                                   

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