What Can Anyone Do Says Maulana Arshad Madani After Pm Modi Statement Over Uniform Civil Code – कानून का रास्ता… : यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस के बीच मौलाना अरशद मदनी



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लॉ कमीशन पर यकीन नहीं

NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत में जमियत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “प्रधानमंत्री के बयान के बाद लॉ कमीशन का क्या मतलब रह जाता है. हमें लॉ कमीशन पर यकीन नहीं है. हम तो हमेशा कहते हैं. मुसलमान सड़कों पर न उतरें, हम जो करेंगे कानून के दायरे में रहकर करेंगे.”

अगर समान नागरिक संहिता वास्तव में लागू हो जाती है, तो मुसलमान क्या रास्ता अपनाएंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “हम वैसे भी क्या कर सकते हैं? हम और क्या खो सकते हैं?” अयोध्या में कार सेवकों द्वारा गिराई गई बाबरी मस्जिद का जिक्र करते हुए मदनी ने कहा, “हमारी मस्जिद चली गई है. हम क्या कर सकते हैं? हम केवल अपने दैनिक जीवन में इबादद को जीवित रख सकते हैं, अगर अल्लाह चाहेगा.”

समान नागरिक संहिता व्यापक कानूनों के एक समूह को संदर्भित करती है. जो देश में सभी पर लागू होता है. यह धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार के नियमों की जगह लेगा.

लोगों को गुमराह करने की कोशिश-मदनी

मदनी ने कहा कि भारत जैसे देश में, जहां विभिन्न धर्मों के अनुयायी सदियों से अपने-अपने धर्मों की शिक्षाओं का पालन करते हुए शांति और एकता से रह रहे हैं, यूसीसी लगाने का विचार न केवल आश्चर्यजनक है बल्कि ये भी लगता है कि लोगों को गुमराह करने के लिए एक विशेष संप्रदाय को ध्यान में रखकर इस्तेमाल किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि ये संविधान में लिखा है, हालांकि आरएसएस के दूसरे सरसंघचालक (प्रमुख) गुरु गोलवलकर ने खुद कहा है कि समान नागरिक संहिता भारत के लिए अप्राकृतिक और इसकी विविधता के खिलाफ है. 

शरिया कानून पर रिपोर्ट देगा बोर्ड

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि बोर्ड की समिति लॉ कमीशन से मिलेगी और शरिया में किन चीजों का ज़िक्र है, उस पर एक रिपोर्ट देगी. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य नियाज़ फारूकी ने कहा, ” पीएम मोदी का ये बयान लॉ कमीशन की रिपोर्ट को प्रभावित करेगा. वो भी ऐसे वक्त में जब लॉ कमीशन ने यूसीसी पर आम लोगों से राय मांगी है. बहरहाल हम मिलेंगे और अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश करेंगे.”

बीजेपी के मुस्लिम नेता दे रहे ये तर्क

बीजेपी के मुस्लिम नेता भी यूसीसी पर मुस्लिम संगठनों को जवाब दे रहे हैं. बीजेपी नेता मुख्तार नकवी ने कहा, “विश्व के 80 देशों में समान नागरिक संहिता है, तो यहां क्यों नहीं हो सकती. ये सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं सभी धर्मों के लिए होगा.” लॉ कमीशन ने 15 जुलाई तक आम लोगों से यूसीसी पर अपनी राय देने के लिए कहा है.

बीजेपी का हमेशा से तीन एजेंडा रहा है. पहला- राम मंदिर जो बन रहा है. दूसरा- कश्मीर से धारा 370 हटाना जो हट चुकी है. तीसरा- देश में समान नागरिक कानून लागू करना, जिसकी पिच प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में दिए गए बयान से बना दी है.

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