What happen if world runs out of petrol How will life continue
पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत से लेकर अब तक इंसान के रहन-सहन और जीवन यापन में काफी बदलाव देखा गया है. आने वाले समय में दुनिया कई ऐसे देश होंगे, जहां पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियां नहीं रहेगीं. दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां पेट्रोल-डीजल के वाहन लगभग चलन से बाहर हो गये हैं. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि अगर पेट्रोल-डीजल ना रहे तो जीवन असंभव है, बल्कि उसके लिए वैकल्पिक उपाय खोजा जा सकता है.
पेट्रोल-डीजल पर निर्भर है कई देशों की अर्थव्यवस्था
क्या आप ने कभी परिकल्पना की हैं कि अगर दुनिया में पेट्रोल और डीजल खत्म हो जाए तो इसका हमारे जीवन शैली में क्या प्रभाव पड़ेगा. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जन जीवन काफी परेशान है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और कई देशों के लोग के लिए समस्या बना है. हालांकि एक दिन ऐसा आएगा कि दुनिया में पेट्रोल-डीजल ही नहीं होगा और ना ही देश व शहर इसका उपयोग कर पाएगा. क्योंकि पेट्रोल और डीजल भी धरती के नीचे से ही निकाला जाता है.
वर्तमान के दौर मे लगभग पूरे विश्व में अधिकांश रूप से वाहनों में पेट्रोल- डीजल का इस्तेमाल हो रहा है. कई देशों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पेट्रोल-डीजल पर निर्भर है. कई बार युद्ध के समय में पेट्रोल-डीजल की कमी देखी जा चुकी है. उस समय भी उसकी खपत को कम करने पर काम किया जाता है. पेट्रोल-डीजल के उपयोग से पर्यावरण को भी काफी हद तक नुकसान होता है.
2030 के बाद से कई देश होंगे मुक्त
एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभग 1.2 अरब गाड़ियां हैं. साल 2035 तक इन गाड़ियों की संख्या बढ़कर लगभग 2 अरब होने की आशंका है. वर्तमान के दौर में बाजार में अब कई ऐसे वाहन आ गए हैं जिनके लिए पेट्रोल- डीजल की आवश्यकता नहीं होती है. कई देश साल 2030 तक तो कुछ देश साल 2045 तक पेट्रोल-डीजल मुक्त देश होने की राह के लिए काम कर रहे हैं. अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले समय में गाड़ियां पेट्रोल-डीजल के बजाए हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक, गैस और सोलर से चलेंगी. कथित तौर पर मोदी सरकार साल 2030 तक बिना पेट्रोल-डीजल से चलने का लक्ष्य रखा गया है. यानी कहें तो पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगाने का भी एक कदम हो सकता है. गौरतलब हो कि पेट्रोल से कार, एरोप्लेन आदि सहित कई जगहों पर उसका इस्तेमाल होता है.
काफी पड़ेगा प्रभाव
पेट्रोल-डीजल के नहीं होने से कई चीजों पर प्रभाव सीधे तौर पर पड़ेगा.ज्यादातर पेट्रोल-डीजल से ही ट्रक चलते हैं. अगर पेट्रोल-डीजल को बंद कर दिया जाए तो ट्रक पर सामान तो लोड होगा लेकिन पहले की अपेक्षा कम सामान का ही जा पाएगा. सामान के परिवहन में काफी देरी भी आएगी, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों के अपेक्षा में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन तेजी से चलते हैं. इसका असर एयरलाइंस पर भी पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर प्लेन पेट्रोल से ही संचालित होते हैं. समुद्री जहाज और सबमरीन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है क्योंकि वो भी इसी से संचालित होती है.
इलेक्ट्रिक वाहन की मांग
भारत सहित पूरी दुनिया में पेट्रोल-डीजल की स्थिति को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की ओर बढ़ने लगे हैं. कई देश और भारत इलेक्ट्रिक वाहन की ओर बढ़ रहे है. आज के समय में वाहनों के लिए ईंधन काफी जरूरी हो गया है. बिना ईंधन के वाहन चार कदम भी आगे नहीं चल सकता है. दुनिया के साथ भारत भी अब इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर तेजी से आगे की ओर बढ़ते जा रहा है. हाल में ही जारी हुए एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2023 में 87,927 इलेक्ट्रिक कार पंजीकृत किया गया. भारत आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर और भी तेजी से आगे बढ़ेगा. हाल में ही आनंद महिंद्रा ने एयर टैक्सी लाने की बात कही है जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी. इलेक्ट्रिक बाइक बाजार में आ चुका है जबकि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर लाने पर भी काम किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी के पहले हुई मोसालू सेरेमनी, क्या है ये और क्यों की जाती है?