What is La Nina if it forms this time then the weather will be like this in June This is what determines the weather in India


What Is La Nina: भारत में इस बार मानसून को लेकर चेतावनी जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि इस बार काफी ज्यादा बारिश होगी, जिसके चलते कई इलाकों में बाढ़ के भी आसार हैं. इसके अलावा इस बार ठंड भी तेज पड़ने के आसार हैं.

इन सभी का जिम्मेदार ला नीना को बताया गया है. अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र ने ये अनुमान लगाया है कि मौसम में ये परिवर्तन ला नीना की वजह से देखने को मिलेगा. अब आपके मन में सवाल ये उठ रहा होगा कि आखिर ये ला नीना है क्या जिसकी वजह से बारिश और ठंड इस कदर बढ़ सकती है. तो चलिए आज जान लेते हैं.

क्या होता है ला नीना?

सबसे पहले तो समझते हैं, ला नीना का मतलब क्या है. दरअसल ये स्पैनिश भाषा एक शब्द है, जिसका मतलब छोटी बच्ची है. पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर निम्न हवा का दबाव होने पर जो स्थिति बनती है, उसे ही ला नीना कहा जाता है. इससे समुद्री सतह का तापमान काफी कम हो जाता है. इसका सीधा असर दुनियाभर के तापमान पर पड़ता है.

भारत में अल नीना की बात करें तो ये बहुत ज्यादा गर्मी और कमजोर मॉनसून की वजह बनता है. वहीं ला नीना की बात करें तो इसमें औसत से ज्यादा बारिश और ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना बनी रहती है. भारत में भी मौसम विभाग द्वारा ला नीना के विकसित होने की पूरी संभावना जताई गई है.

कितने समय तक रह सकता है ला नीना?

ला नाना नौ महीने से लेकर सालभर की अवधि तक रह सकता है. इस दौरान नॉर्थवेस्ट हिस्से में सर्दियों में तापमान पहले से कम तो वहीं साउथईस्ट में सर्दी के दौरान भी तापमान ज्यादा रहता है. ला नीनो बनने के अलगअलग कारण बताए जाते हैं, लेकिन सबसे प्रचलित वजह ये है कि ये उस समय बनता है, जब ट्रेड विंड (पूर्व से बहने वाली हवा) काफी तेज गति से बहती हैं.

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